रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में असफल छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा है कि कोई भी परीक्षा जिंदगी की आखिरी परीक्षा नहीं होती। वे रविवार को अपनी मासिक रेडियोवार्ता रमन के गोठ में जनता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के आम चुनाव में मोदी जी को मिला जनादेश, देश को समस्याओं के दलदल से बाहर निकालने और भारत माता का गौरव लौटाने का जनादेश था। मोदी के कठोर मेहनत और दूरदर्शी निर्णयों से सरकार ने ऐसी छवि बनाई कि उसकी धाक देश और दुनिया में जम गई। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मोदी ने राज्यों को मिलने वाले राजस्व को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 फीसदी कर दिया और राज्यों को अपनी जरूरतों के हिसाब से खर्च करने का अधिकार दिया। उन्होंने स्वच्छता के अम्बिकापुर मॉडल को रोल मॉडल बताते हुए अन्य शहरों में भी इसे अपनाने की जरूरत पर बल दिया है।
जीएसटी कानून से आर्थिक क्रांति का नया दौर
मुख्यमंत्री ने जीएसटी कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संविधान और सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप है। एक राष्ट्र, एक टैक्स और एक बाजार की व्यवस्था लागू करने के लिए प्रधानमंत्री की पहल पर संसद के दोनों सदनों में जीएसटी कानून पारित हुआ और देश में कर-सुधारों का एक नया दौर शुरू हुआ है। जीएसटी से संबंधित निर्णय लेने के लिए गठित की गई जीएसटी परिषद में राज्यों को भी भागीदार बनाया गया और कर-राजस्व में भी राज्यों की भागीदारी बढ़ाई गई है।
छात्रों से की अपील
मुख्यमंत्री ने राज्य में इस वर्ष की दसवीं-बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को जहां बधाई दी, वहीं उन्होंने असफल विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा है-किसी कारण से जो बच्चे पास नहीं हो पाए या जो अपेक्षित अंक नहीं पा सके, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें ज्यादा तैयारी से आगे की परीक्षा देनी चाहिए। उन्होंने कहा-मेरा मानना है कि ऐसी कोई परीक्षा जिन्दगी की आखिरी परीक्षा नहीं होती। आगे अनेक अवसर मिलते हैं, जब आप स्वयं को साबित कर सकते हैं।
शादियों में भोजन-पानी की बरबादी रोकने की सलाह
डॉ. रमन सिंह ने बेमेतरा जिले के सिरसाबांधा निवासी भुवनदास जांगड़े की एक चिट्ठी का उल्लेख करते हुए कहा और उनकी चिट्ठी श्रोताओं को पढ़कर सुनाई, जिसमें जांगड़े ने उन्हें सम्बोधित करते हुए लिखा है कि अभी गर्मी का मौसम और शादी का सीजन है। आपसे अनुरोध है कि अपने गोठ में आप शादी का जिक्र जरूर करें और उसमें माता-पिता, वर-वधुओं से आग्रह करें कि शादी में कम से कम खर्च करें। ज्यादा तड़क-भड़क न हो। ज्यादा खर्च न हो। पानी का कम उपयोग करें। भोजन की बबार्दी न करें। दहेज न लें और न ही दें । सही उम्र में शादी हो। सामूहिक आदर्श विवाह करें। मुख्यमंत्री ने रेडियो श्रोताओं से कहा-मैं जांगड़े जी की सभी बातों से सहमत हूं। इसलिए आप लोग इन सभी बातों का ध्यान रखें।