जंगल किनारे तांदुला डेम के जिस हिस्से में इसका शव मिला, वहीं पास की जमीन पर तेंदुए के पैरों के निशान भी मिले हैं. विभाग का अनुमान है कि तेंदुए के हमले से बचने के लिए यह चीतल भागकर तांदुला डेम के पानी में गिर गया गया और उसकी मौत हो गई.
सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग के अमले ने मृत चीतल को पानी से बाहर निकाल कर पंचनामा बनाया. पोस्टमार्टम के बाद डेम के किनारे ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.
गौरतलब है कि इसके पहले भी कई बार इस वन क्षेत्र में वाहनों की चपेट में आकर या रेलगाड़ी से टकराकर वन्य प्राणियों की मौत हो चुकी है, लेकिन इस बार तेंदुए के हमले से मौत की आशंका से से यहां वन्य प्राणियों के लिए एक और संकट पैदा हो गया. आए दिन वन्य प्राणियों की हो रही असामयिक मौत को लेकर वन विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है, जबकि इस जंगल में चीतल, नीलगाय, जंगली सूअर, मोर आदि बहुतायत में है.