कांकेर: महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के लोकपाल संदीप श्रीवास्तव ने सड़क उन्नयन कार्य की दो साल से लंबित मजदूरी की शिकायत व भुगतान पूर्ण होने की गलत जानकारी देने पर जनपद सीईओ को एक हजार व कार्यक्रम अधिकारी को 9 सौ रुपए दंडित किए जाने की अनुशंसा की। इसके अलावा लंबित भुगतान को पूर्ण करने में लापरवाही व कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने के लिए सरपंच और सचिव को 9-9 सौ रुपए से दंडित किए जाने की अनुसंशा की है। वहीं लोकपाल की समझाइश पर ग्राम पंचायत बासनवाही ने 2014-15 के कार्य की 69 मजदूरों की मजदूरी 60 हजार 298 रुपए का भुगतान कर दिया है, जिससे मजदूरों में हर्ष है।
जिले के नरहरपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बासनवाही में मनरेगा योजना से वर्ष 2014-15 में स्वीकृत छापरपारा से भरनकुट्टी तक सड़क उन्नयन कार्य चार सप्ताह चला था। जिसमें से तीन सप्ताह की मजदूरी का भुगतान मजदूरों को जनपद पंचायत नरहरपुर से कर दिया गया था। लेकिन तीसरे सप्ताह की मजदूरी 2016 तक अप्राप्त थी। मजदूरों की शिकायत पर लोकपाल ने सीईओ से प्रतिवेदन चाहा तो जानकारी मिली कि सरपंच के माध्यम से मजदूरी भुगतान पूर्ण कर लिया गया है, जो लोकपाल जांच में असत्य साबित हुई। जांच के दौरान पता चला कि तीसरे सप्ताह के कार्य मूल्यांकन को किसी के काट दिए जाने के कारण मजदूरी भुगतान लंबित है। मापपंजी में की गई काट-छांट कब, किसने और क्यों की इस पर सीईओ और कार्यक्रम अधिकारी ने कोई जांच या कार्रवाई की या नहीं, इस बारे में कोई दस्तावेज मूल नस्ती में संलग्न नहीं है। लंबित मजदूरी भुगतान पूर्ण कर लिए जाने की गलत जानकारी देकर जांच को गुमराह करने का प्रयास व कर्तव्य निर्वाह में लापरवाही को प्रमाणित पाते हुए लोकपाल ने जनपद सीईओ को एक हजार रुपए व कार्यक्रम अधिकारी को नौ सौ रुपए तथा लंबित भुगतान को पूर्ण करने में लापरवाही व कर्तव्य व दायित्व के निर्वहन में असफल रहने के लिए सरपंच और सचिव को 9-9 सौ रुपए से दंड़ित किए जाने की अनुसंशा की है।