मिडिया के सवालो के जवाब देने से बचते फिर रहे है आबकारी विभाग के अधिकारी?
एक दिन बाद भी डिलीवरी चालान और इन्वाईस नही बता पायें अधिकारी?
बीजेपी छत्तीसगढ़ ने मामले को उठाया सोशल मिडिया में,
पत्रकारो ने कलेक्टर,एसडीएम से किया मामले की जांच की मांग
पूर्व विधायक पद्मा मनहर ने भी किया जांच की मांग

सारंगढ़, –
सारंगढ़ के सरकारी देशी शराब दुकान में 800 पेटी के देशी शराब के आने के संदिग्ध मामले मे 24 घंटे होने के बाद भी डिलीवरी चालान या इन्वाईस को बताने मे आबकारी विभाग नाकाम रहा है। वही पूरे मामले मे गहराते संदेह के बीच भाजपा छत्तीसगढ़ में मामले को सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट कर पूरे प्रदेश मे इसकी चर्चा गर्म कर दिया है। वही कांग्रेस नेत्री पूर्व विधायक श्रीमती पद्मा मनहर ने भी पूरे मामले की जांच की मांग कर सरकार की छबि धूमिल करने वाले माफिया के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। जबकि पत्रकारो ने लिखित शिकायत करते हुए कलेक्टर रायगढ़ और एसडीएम सारंगढ़ से कार्यवाही की मांग किया है।
सारंगढ़ के देशी शराब दुकान में 800 पेटी शराब के उतरने और मौके पर कोई भी कागताज डिलवरी चालान आदि नही होने के कारण से पहली ही नजर मे संदिग्ध हो चुका इस मामले मे दूसरे दिन भी आबकारी विभाग सामने आकर डिलीवरी चालान अथवा इन्वाईस आदि कागजात दिखाने से बचते हुए नजर आये। आबकारी निरीक्षक अनिल बंजारे आज भी इस मामले मे डिलीवरी चालान अथवा आपूर्ति संबंधी प्रपत्र दिखाने की मोबाईल पर आश्वासन ही देते आये। वही आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त दिनकर वासनिक ने व्हाटसअप पर मैसेज कर परमिट सही होने ही जानकारी दिया किन्तु विभाग देर शाम तक भी इस संबंधी प्रपत्र को दिखाने को तैयार नही हुआ जिससे मामला काफी ज्यादा संदिग्ध नजर आने लगा है। वही पूरे मामले मे आबकारी विभाग के द्वारा किया जा रहा लीपापोती को लेकर पूर्व विधायक श्रीमती पद्मा मनहर भी काफी खफा नजर आई उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय भूपेश सरकार को कुछ शराब के कुछ माफियानुमा अधिकारी बदनाम कर रहे है। इस कारण से पूरे मामले की सूक्ष्म जांच होनी चाहिये और अगर कोई अधिकारी इस प्रकरण मे दोषी पाया जाता है तो उसके ऊपर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिये। उन्होने साफ तौर पर कहा कि आबकारी विभाग को शराब की आपूर्ति और अनलोड आदि की कार्यवाही मे पूर्ण पारदर्शिता बरतनी चाहिये और मौके पर हर प्रकार से प्रपत्र के साथ कार्य करनी चाहिये ताकि सरकार की छबि किसी तरह से संदेह के दायरे मे ना आये। वही पूरे मामले मे कांग्रेस नेता सूरज तिवारी ने भी मामले में जांच की मांग करते हुए कहा है कि गत तीन माह मे आये शराब की आपूर्ति और अन्य मामलो मे सूक्ष्म जांच कराना आवश्यक है। भाजपा नेता तथा सांसद प्रतिनिधि अरविंद हरिप्रिया ने पूरे मामले को पहली ही नजर में संदिग्ध बताते हुए कहा कि 800 पेटी शराब जो कि 31 लाख रूपये के मूल्य का है तथा उसको बिना किसी डिलीवरी चालान के सारंगढ़ के देशी शराब दुकान मे आपूर्ति करने से मामलो संदेहास्पद बन रहा है। मौके पर डिलीवरी चालान नही होना ही एक बड़ा कारण है कि पूरा मामला जांच की ओर ने जाने से दूध का दूध और पानी का पानी होगा। उन्होने आबकारी विभाग के अधिकारियो पर आरोप लगाया कि सारंगढ़ के देशी शराब दुकान मे ओव्हर रेट प्राईज की शिकायत भी कई बार आ चुकी है और अब बिना परमिट की शराब की आपूर्ति के आरोप लगने से पूरे मामले मे जांच होनी चाहिये। वही शहर कांग्रेस अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने पूरे मामले मे आबकारी विभाग के निरीक्षक अनिल बंजारे की लापरवाही को दोषी मानते हुए उनको तत्काल निलंबित करते हुए इस मामले मे जांच की मांग किया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा कि सारंगढ़ के देशी और विदेशी शराब दुकानो मे गत कुछ माह से ओव्हर रेट लेने की कई बार शिकायत सामने आई है इस मामले मे आबकारी विभाग के निरीक्षक अनिल बंजारे को कई बार जानकारी दिये जाने के बाबजूद उन्होने कोई कार्यवाही नही किया। वर्तमान मे 800 पेटी के देशी शराब जो कि बिना बार कोड के आया है इसके मामले मे भी जांच अतिआवश्यक है। 31 लाख रूपये के शराब को बिना डिलीवरी चालान के वाहन चालक के द्वारा बिलासपुर से लेकर सारंगढ़ आ जाना और उसके पास एक प्रपत्र तक नही रहना कई सवालो को जन्म दे रहा है। उन्होने साफ कहा कि पूरा मामला पहली ही नजर में संदिग्ध है तथा इस मामले मे जांच की आवश्यकता है।
पत्रकारो ने किया जांच की मांग
इस पूरे मामले मे सारंगढ़ के पत्रकारो ने भी अपना रूख कड़ा करते हुए कलेक्टर रायगढ़ को शिकायत पत्र प्रेषित कर पूरे मामले में सूक्ष्म जांच करने की मांग किया है। पत्रकारो ने कलेक्टर को प्रेषित शिकायत में लिखा है कि डिलीवरी चालान का नही होना और इस 800 पेटी मे बार कोड का नही होना के साथ साथ इसे देशी शराब दुकान के द्वारा स्टाक मे नही लेने जैसे कई संवेदनशील लापरवाही किया जा रहा है जिस पर कड़ी कार्यवाही आवश्यक है।