
- छत्तीसगढ़ी पकवान बना आय का जरिया
कवर्धा 13 जनवरी chhattisgarh co। जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सरोधा दादर (चिल्फी में) के पर्यटन केन्द्र में गायत्री महिला स्व. सहायता समूह के द्वारा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को परोस कर पर्यटन के अनुभव को और जायकेदार बना रहीं है। छत्तीसगढ़ी पकवान चौसेला, खुर्मी-ठेठरी, चिला, मुगोड़ी, भजीया जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद देश के अलग-अलग कोने से आए पर्यटकों को सरोधा दादर के रिसॉर्ट में मिल रहा है। मैकल पर्वत श्रेणी के सतपुड़ा रेन्ज के जंगल और पहाड़ियों में बसा सरोधा दादर जिले का प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र है। जहां पर छत्तीसगढ़ से ही नहीं वरन देश के अलग-अलग कोने से पर्यटक आ रहे हैं । इसका विशेष महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि सरोधा दादर राष्ट्रीय उद्यान कान्हा केसली के साथ भोरमदेव अभ्यारण के रेन्ज से लगा हुआ है। ऐसे स्थानों में हमेशा पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। जिनके सुविधाओं के लिए शासन द्वारा अनेकों प्रयास भी निरंतर किए जा रहे है। इसी क्रम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान अंतर्गत गायत्री महिला स्व. सहायता समूह के द्वारा छत्तीगढ़ व्यंजानों की सेवाएं पर्यटकों को दी जा रही है। इस काम से महिला स्व. सहायता समूह को बहुत ही बेहतर आमदनी होने लगा है। प्रति माह 12 से 15 हजार रूपए की आय इन्हें हो रही है।

समूह की अध्यक्ष श्रीमती धर्मिन बाई ने बताया कि सरोधा दादर रिसोर्ट में छत्तीसगढ़ी व्यंजन की मांग बनी रहती है। पर्यटकों को उनके इच्छा अनुसार छत्तीसगढ़ी व्यंजन गरमा-गर्म परोसा जाता है, जिसमें विशेष रूप से चौसेला, चिला आदि रहता है। कभी-कभी पर्यटकों के द्वारा छत्तीसगढ़ी भोजन की भी मांग की जाती है। ऐसे पर्यटकों को चना भाजी, लाल भाजी, दाल, चावल, आचार, पापड़ के साथ खाना भी हमारे समूह द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने बताया कि सप्ताह के तीन दिन शुक्रवार, शनिवार, एवं रविवार को पर्यटकों की ज्यादा भीड़ होती है एवं अन्य दिन भीड़ थोड़ी कम होती है। लेकिन समूह कि दस सदस्यी महिलाएं काम को आपस में बाट ली है। कोई रसोई का काम देखती है तो कोई सामग्रियों का लाना ले जाना करती है। प्रत्येक माह 12 से 15 हजार रूपए की आमदनी होता है ज्यादातर कमाई छुट्टियों के दिनों में होती है। हम सभी समूह की महिलाएं खुश है की हम अपना काम कर रहें है। हाथ में आपना व्यवसाय है और इससे अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए घर में पैसे आ रहें है। व्यवसाय खड़ा करने के लिए लगने वाले गैस चुल्हा, सिलेन्डर, कढ़ाई तवा जैसे अन्य आवश्यक सामग्री बिहान के तहत लोन लेकर पूरा किया गया है। लोन का ऋण भी समूह द्वारा चुकाया जा रहा है इस तरह महिलाएं होटल के व्यवसाय में भी आगे आ रहीं है।
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