Varaha Jayanti 2023। हिंदू धर्म में हर माह ही कई व्रत व त्योहार मनाए जाते हैं। भादो माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर साल वराह जयंती मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन ही भगवान विष्णु ने वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष नाम के दानव का वध किया था। मत्स्य और कश्यप के बाद भगवान विष्णु का तीसरा अवतार वराह था। वराह का अर्थ शुकर होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक वराह जयंती इस वर्ष 17 सितंबर, रविवार को मनाई जाएगी। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, यदि किसी जातक को खुद का घर का सुख चाहिए तो वराह जयंती का व्रत पूरे विधि-विधान के साथ करना चाहिए।
पौराणिक मान्यता के मुताबिक वराह जयंती पर भगवान विष्णु की आराधना विधि-विधान के साथ करना चाहिए। ऐसा करना से जातक को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं यदि कोई व्यक्ति किराए के मकान में रहता है और उसका खुद का घर नहीं है तो इस व्रत को करने से खुद के घर का भी सुख प्राप्त होता है।
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