मुखिया के मुखारी – बोनसाई और बरगद को एक समझने की भूल….

मुखिया के मुखारी – बोनसाई और बरगद को एक समझने की भूल….

सत्ता का नशा ऐसा नशा है जो रहे तो मदमस्ती और ना तो हस्ती मिटाने पर आमदा हो जाती है । विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल की राज्य इकाई अपनी हस्ती पर ही सवाल खड़े कर रही , अस्तित्व बचाने की लड़ाई में सेनापति वों बनाए जा रहे जो अपनी विधानसभा सीट मंत्री रहते नहीं बचा पाए । बुजुर्ग नेता उम्र के बंधनों में बंध शिथिल हो गए हैं। प्रौढ़ व्यवसायी कथित नेता पार्षदी का चुनाव हार पार्टी के रणनीतिकार बने बैठे हैं ,जो पार्षदी नहीं जीत पाए वो विधानसभा जीतने के गुर बताएंगे । दल तो बड़ा हो गया सबसे पर छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं का दिल इतना छोटा हो गया है कि उसमें उनके कर्मठ कार्यकर्ता ही नहीं समा पा रहे। कार्यकर्ता को कार्यकर्ता ही रहना भले वों कर्मठ ,हो यहां तो नेता वों बनेंगे जो दूसरे प्रदेशों से यहां रोजी – रोटी कमाने आए थे।

अनुशासन का ठंठा लिए अयोग्य, योग्यता को दबाने रोज नए -नए फरमान जारी करते हैं । प्रदेश भाजपा का ये हाल है कि उसे दिशा – भ्रम हो चुका है जाना था जापान पहुंच गए चीन की तर्ज पर चल रहे हैं । किसानों की कर्ज माफी की जगह माइक्रोमैक्स का मोबाइल बांट सरकार ने तो अपनी मोबिलिटी ख़त्म कर ली पर माइक्रोमैक्स वाले नेता की भरपूर चल रही ,शहर को ने हाकने की असफल कोशिश में लगे हैं, उनको उनके गुर्गों के अलावा कोई शहर अध्यक्ष मानने तैयार नहीं असंतोष भारी है पर ये व्यापारी सब भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं पर भारी है । छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ियो के लिए माइक्रोमैक्स और अपने लिए एप्पल रखने वाले 32 नंबर प्रेमी का पार्टी में 36 आंकड़ा बन रहा है।

धर्मांतरण के मुद्दे पर मौन अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संरक्षण देने में अक्ष्म, राजधानी में खुलेआम धर्मांतरण करवाने की चुनौती देते बहुरूपिए पर आप निशब्द हैं । बयान दे कर्तव्य की इतिश्री कर ली ।पूर्व मुखिया जी उपाध्यक्ष राष्ट्रीय तो शायद राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान ज्यादा होगा, क्षेत्रीय या राजधानी के मुद्दों से कम होगा वास्ता । बड़े नेताओं की बड़ी बातें भीखमचन्द मांगीलाल की अपनी सीमाएं हैं रतलामी सेव का तीखापन सबको कहां है भाना इसलिए आता -जाता भले हो न कुछ जिनका सूरज पश्चिम में डूबा वों उगाने चले हैं प्रदेश में सत्ता का सूरज, वक्ता न बने कभी छत्तीसगढ़ी में वों बन गए छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रवक्ता । अब जिनको चखने में सेव चाहिए उनको तो रतलामी सेव जरूर चाहिए । राजधानी में पार्टी में फूट इतनी है कि व्हाट्सएप ग्रुप में लड़ाई चल रही, जेल गुटीय शक्ति प्रदर्शन के स्थल, कर्मठता से जेल, तो स्वार्थ पैसे से पद मिल रहे , अब पूंजीपति व्यापारी अपनी पूंजी बचाए या फिर पार्टी की पूंजी बढ़ाएंगे जिनके पास अपना खुद का नहीं था आशियाना वों शहर में बड़े-बड़े आशियाने बनाने वाले बन गए । पुरानी बस्ती के मसले पर आपकी क्रिया – प्रतिक्रिया देखिए और रेलवे स्टेशन पर अपने बोनसाई नवागंतुक छत्तीसगढ़ीया कथित नेता को बचाने का अपना कृत्य देखिए । पार्टी के पूर्व मंत्री नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं की फौज ट्रेन वाली गलती छिपाने में पूरी ताकत लगा दी पर धर्मांतरण के मुद्दे पर कार्यकर्ता जेल चले गए वाह मान गए श्री आप अब श्री 108 हो गए ।

आपको तो डर है कि कोई नेता घर के बाहर का न बन जाए सत्ता बस आपके द्वार पर बंधी रहे । जिस युवा मोर्चा को भविष्य के नेता गढ़ने की जवाबदारी है जो पार्टी के नई उर्जा के स्रोत हैं उनकी ऊर्जा तो काली -काली मेरी कार डार्लिंग में लगी है, अब ऐसे में परिणाम भी वहीं आएंगे जैसे आप की दशा – दिशा होगी । 29 सितंबर को एक साल हो जाएंगे आसान पर, अभी तक जिला प्रभारियों की घोषणा का आसान काम नहीं कर पाए, तलवार, पगड़ी का मोह है, आयोजनों पर बस फोटोग्राफरों पर नजर है। प्रतिभा तो है बिना कॉलेज गए आप अंग्रेजी बोल रहे युवाओं को कैसे जोड़ेंगे ? जब आप खुद जमीन से जुड़ नहीं पा रहे । बजरंग दल वाली गलती का भी एहसास नहीं । हां युवा नेत्रियों को आप बढ़ा आगे रहे इसका आपको साधुवाद है । काली-काली मेरी कार सफेद वाली मेरे गोरे यार की कार यार के पच्चीस लाख की कार में भी है मेरा कमाल । फोटोग्राफर से लेकर ड्राइवर भी आपके हैं पदाधिकारी इससे ज्यादा और क्या करेंगे ।जिसे हटाया वों तगादा कर रहे मतलब पदाधिकारी बनाने के लिए आप चढ़ावा ले रहे ।ऐसे आएगी शक्ति ऐसे फूकेंगे आप पार्टी में जान । न संघर्ष न कोई जनसमस्याओं से कोई नाता हमें फोटो खिंचवाने के अलावा कुछ नहीं आता ।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा है,सो आप वही कर रहे निजी आयोजनों के भी तस्वीर आप रोज चस्पा कर रहे । कार्य हो नहीं रहे सो कार्यकारियों अध्यक्षों की मांग हो रही कहीं ऐसा ना हो कि कार्यकारी ही सब कार्य करने लग जाए। राजधानी में शिक्षण संस्थानों का केंद्र है, पर देखिए आप के छात्र संगठन का क्या हाल है, एक न प्रदेश मंत्री. बने अभाविपा के राजधानी से इसलिए लूट रही निजी शिक्षण संस्थाएं ,बाट रही फर्जी डिग्रियां पर हो रही मनमर्जी की अभाविपा में नियुक्तियां । ऊपर से नीचे तक बस सबको होना मालामाल है, जनसेवा से बड़ी स्वसेवा। बोनसाई बता रहे हैं छत्तीसगढ़ियों के लिए बरगद लगायेंगे ,जैसे तुम वैसा तुमको नेता चाहिए, दबंग हो छत्तीसगढ़िया तो वो कैसे बनेगा आपकी पार्टी में नेता,परिश्रम नहीं परिक्रमा चाहिए दबंग नहीं आपको तो बस सीधा -साधा मासूम छत्तीसगढ़िया चाहिए ।

राजनीति में कितना राज रख लोगे उतरेंगे छिलके प्याज के तो आंसू आपके ही बहेंगे । विरोधी विधायक महापौरों की उम्र देखिए इतने उम्र के कार्यकर्ताओं को तो आप पार्षदी की टिकट नहीं देते । बातें बड़ी करते आप राष्ट्रीयता की तो क्षेत्रीयता आती किसके अंतर्गत है, लोकसभा क्षेत्रों के आधार पर ही तो केन्द्रीय सरकार बनती है । व्यापारीवाद की चादर ओढ़ भाई -भतीजावाद के सपनों से सत्ता प्राप्ति का जुगाड़ देख रहे। मोह में फंसे तो कैसे सत्ता मिलेगी इन मोहनियो से कैसे जनमत और बहुमत मिलेगा। छत्तीसगढ़ीयों से दूर नवागंतुक बोनसाई छत्तीसगढ़ीयों से पतरी जोड़ के खा रहे ।कहीं आप खा ना जाए पार्टी का भविष्य नहीं हो पाएगा ये छत्तीसगढ़िया अब जागरूक है हमें अहसान नहीं अधिकार चाहिए ,कमल आपका खिलाने नहीं बनेगा अब कोई कीचड़। डर जो उपासने वाला आपका है वों बताता है आपको लोकप्रियता, कर्मठता से डर लगता है और आपका अनुशासन बस अब -योग्यता पर अयोग्यता थोपने का डंडा । लगता है छ.ग. भाजपा अब कमाल करेगी कमल खिलाने बोनसाईयों और बरगद  को एक समझेगी….

चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल






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