बर्थडे पर पीएम मोदी का रिटर्न गिफ्ट, विश्वकर्मा योजना शुरू

बर्थडे पर पीएम मोदी का रिटर्न गिफ्ट, विश्वकर्मा योजना शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज 73वां जन्मदिन है. आजाद भारत में जन्म लेने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश को नायाब उपहार दिए. पीएम मोदी ने आज दिल्ली में यशोभूमि नाम के इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर का उद्घाटन किया. वहीं आज पीएम विश्वकर्मा योजना की भी लॉन्चिंग होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज द्वारका में ‘इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर’ यानी ‘यशोभूमि’ के पहले फेज का उद्घाटन किया. इस प्रोजेक्ट की लागत 5,400 करोड़ रुपये है. इसके साथ ही द्वारका में नई मेट्रो लाइन का उद्घाटन भी किया.

नया कन्वेंशन सेंटर इतना खास क्यों है?

बता दें कि यशोभूमि एक बहुत बड़ा कन्वेंशन सेंटर है, जिसमें कई प्रदर्शनी हॉल और दूसरी सुविधाएं मौजूद हैं. कन्वेंशन सेंटर का विश्वस्तरीय प्लेनरी हॉल तो आने वालों को विश्वस्तरीय अनुभव देगा. इस पूरे सेंटर के निर्माण की लागत 5400 करोड़ रुपये है. कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर का परिसर 8 लाख 90 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां 11 हजार से अधिक प्रतिनिधियों के बैठने की क्षमता है. कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में 15 सम्मेलन कक्ष हैं जबकि 13 बैठक कक्ष हैं और साथ ही ग्रैंड बॉलरूम का भी निर्माण किया गया है.

यशोभूमि में हैं क्या-क्या सुविधाएं?

जान लें कि यशोभूमि कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर के प्रदर्शनी हॉल का इस्तेमाल व्यापार मेला और व्यावसायिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा. इसका प्रदर्शनी हॉल 1 लाख 7 हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है. तांबे की छत के साथ विशिष्ट डिजाइन में इसका निर्माण किया गया है. बरामदे में मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंज हैं. साथ ही अतिथियों के लिए क्लोक रूम, सूचना केंद्र, टिकटिंग व्यवस्था का निर्माण किया गया है. हॉल में भारतीय संस्कृति से प्रेरित टेराजो फर्श है, जिसमें पीतल की जड़ाई वाली रंगोली पैटर्न और रोशनी की पैटर्न वाली दीवारें हैं. बिल्डिंग में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, 100 फीसदी वाटर रिसाइक्लिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. कन्वेंशन सेंटर में 3 हजार वाहन के लिए भूमिगत पार्किंग की व्यवस्था की गई है. जहां 100 से अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट बनाए गए हैं.

कामगारों को पीएम का तोहफा

गौरतलब है कि आज पीएम मोदी के जन्मदिन के साथ विश्वकर्मा जयंती भी है. प्रधानमंत्री ने पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना की लॉन्चिंग की, जिसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से किया था. पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य देश के लाखों कारीगरों, शिल्पकारों को समृद्धि के रास्ते पर ले जाना है. इसके जरिए न सिर्फ सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध रखने की कोशिश की जाएगी. बल्कि इससे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को लाभ मिलेगा.

30 लाख परिवारों को होगा फायदा

जान लें कि पीएम विश्वकर्मा योजना करीब 13 हजार करोड़ रुपये की है जिसमें शिल्पकारों, कारीगरों को आर्थिक मदद के लिए लोन दिए जाएंगे. कर्ज पर 5 फीसदी की रियायती दर से ब्याज लगेगा. लोन की पहली किश्त में 1 लाख रुपये, दूसरी किश्त में 2 लाख रुपये मिलेंगे. यही नहीं कौशल बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग भी मिलेगी. योजना के लाभार्थी पीएम विश्वकर्मा पोर्टल से जुड़ेंगे. शिल्पकारों, कारीगरों का निशुल्क रजिस्ट्रेशन होगा और इसके लिए न्यूनतम आयुसीमा 18 वर्ष होगी. जानकारी के मुताबिक, विश्वकर्मा योजना से देश के 30 लाख परिवारों को सीधा फायदा पहुंचने वाला है. इसका मतलब है इस योजना से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर करोड़ों लोगों को लाभ मिल सकता है.

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