रायपुर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से संबंधित कालेजों में संचालित बीएससी एग्रीकल्चर, फूड टेक्नोलाजी और इंजीनियरिंग की शिक्षा सत्र 2023-24 की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो गई है। खाली सीटों के लिए संस्था स्तर पर काउंसिलिंग करके प्रवेश दिए जाएंगे। कृषि इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने में छात्रों का रुझान कम है।
इंजीनियरिंग और फूड टेक्नोलाजी की 200 सीटों में महज 35 छात्रों ने डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन करवाया है। जिसमें सिर्फ 23 छात्रों ने फीस जमा करके अपनी सीट सुरक्षित किया है। इस लिहाज से महज 17 प्रतिशत छात्रों ने ही इंजीनियरिंग और फूड टेक्नोलाजी की पढ़ाई करने में रुचि ली है।
इसी तरह बीएससी एग्रीकल्चर में लगभग 60 प्रतिशत छात्रों ने प्रवेश लिया है। प्रदेश में 25 कालेजों में लगभग 1,650 सीटें है। इन सीटों के लिए 1,566 छात्रों ने डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन करवाया है, जिसमें 1,181 छात्रों ने फीस जमा करके अपनी सीट सुरक्षित किया है।खाली सीटों में संस्था स्तर पर तीन दिवसीय काउंसिलिंग 25 सितंबर से शुरू होगी। छात्रों को पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर प्रवेश दिए जाएंगे।
इंजीनियरिंग, पालीटेक्निक, एमबीए के प्रवेश पूरे, आधी सीटें खाली
इंजीनियरिंग, पालीटेक्निक, एमबीएम, एमसीए जैसे तकनीकी कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो गई है। लेकिन कई विषयों में आधी से ज्यादा सीटें खाली है। लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में इंजीनियरिंग और पालीटेक्निक में ज्यादा छात्रों ने प्रवेश लिया है।
जानकारों का मानना है कि इस वर्ष प्रवेश नियमों में बदलाव की वजह से इंजीनिययरिंग और पालीटेक्निक में ज्यादा छात्रों ने प्रवेश लिया है।तकनीकी कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया अगस्त के दूसरे सप्ताह से शुरू हुई। दो राउंड की काउंसिलिंग के बाद आखिरी काउंसिलिंग संस्था स्तर पर हुई।
इस काउंसिलिंग में हिस्सा लेने के लिए छात्रों से नौ सितंबर से आवेदन मंगवाए गए। इसमें लगभग पांच हजार छात्रों ने हिस्सा लिया। 14 सितंबर को मेरिट लिस्ट निकाली गई। इसके तहत 14 और 15 सितंबर को प्रवेश दिए गए। ये काउंसिलिंग इस शिक्षा सत्र की आखिरी काउंसिलिंग थी।
इसके अनुसार इस बार इंजीनियरिंग की 44 प्रतिशत से ज्यादा सीटें भरी है। पिछले वर्ष इंजीनियरिंग की 36 प्रतिशत सीटों में प्रवेश हुए थे। इसी प्रकार पालीटेक्निक में पिछले वर्ष 21.4 प्रतिशत सीटों में प्रवेश हुए थे। इस बार 37 प्रतिशत से ज्यादा सीटों में प्रवेश हुए हैं।
नए नियम से कई इंजीनियरिंग और पालीटेक्निक कालेजों में मिले छात्र
राज्य में तकनीकी काेर्स में प्रवेश के लिए नया नियम लागू किया गया है। इस वर्ष प्रवेश परीक्षाओं में न्यूनतम अंक पाने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है, इसके अलावा उम्र का बंधन भी खत्म कर दिया गया है। अभी तक प्रदेश के निजी कालेजों में दूसरे राज्य के छात्रों के लिए 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहती थी, जिसे इस बार हटा दिया गया है। पहले राज्य के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा, खाली सीटों में ही दूसरे राज्य के छात्रों को प्रवेश दिया जा सकेगा। विशेषज्ञों ने बताया कि नए नियम के कारण कई इस बार कई कालेजों को छात्र मिले हैं।
बी. फार्मा में बढ़े, डी. फार्मा में घटे
इस वर्ष प्रदेश में बी. फार्मेसी की इस बार 56 प्रतिशत सीटों में प्रवेश हुआ है, जबकि पिछल वर्ष 48 प्रतिशत सीटें भरी थी।इसी तरह डी. फार्मा में 49 प्रतिशत सीटों में प्रवेश हुए है, जबकि पिछल वर्ष 73 प्रतिशत सीटें भरी थी।बी. फार्मेसी की काउंसिलिंग में इस वर्ष 28 नए कालेजों को शामिल किया गया था, इस वजह से प्रवेश बढ़ गए है, लेकिन सीटें ज्यादा खाली है।अगले वर्ष डी. फार्मा के सात और कालेज काउंसिलिंग में शामिल हाेंगे।
तकनीकी कोर्स में प्रवेश की स्थिति
कोर्स सीटें प्रवेश(प्रतिशत) खाली
इंजीनियरिंग 10,290 4,580(44.5) 5,710
पालीटेक्निक 7,615 2,875(37.7) 4,740
बी. फार्मेसी 3,737 2,093(56) 1,644
डी. फार्मेसी 5,186 2,553(49.2) 2,633
एमबीए 1,710 823 (48.1) 887
एमसीए 548 269(49.08) 279
एमटेक 1104 211(19.1) 893
एम. फार्मेसी 449 335 (74.6) 114
इंजीनियरिंग कृषि 200 35(17.1) 165
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