राजधानी सहित प्रदेशभर में धान खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन शुरू कर दिया गया है। इसके तहत किसान 31 अक्टूबर तक पंजीयन करवा सकते हैं। वहीं, इस बार नई व्यवस्था के साथ बायोमेट्रिक आधार पर ही पंजीयन व धान की खरीदी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही किसानों को नामिनी का भी विकल्प दिया गया है, ताकि किसानों की अनुपस्थिति में उनके नामिनी धान की बिक्री आसानी से कृषि उपज मंडियों में कर सकें।
नई व्यवस्था के तहत किसान अधिकतम पांच नामिनी तय कर सकते हैं, जो कि उनकी अनुपस्थिति में धान बेच सकेंगे। जिसमें उसकी मां, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, दामाद, बेटी, बहू, सगे भाई, बहन व अन्य करीबी रिश्तेदार हो सकते हैं। इन सभी रिश्तेदारों के अलावा किसान किसी अन्य को नामिनी नियुक्त नहीं कर सकेगा। यह नई व्यवस्था बिचौलियों से बचने और धान की खरीदी बिक्री में हर वर्ष आ रही धांधली को देखकर लाई गई है।
आधार कार्ड जरूरी
नामिनी बनाने के दौरान किसान जिस किसी भी रिश्तेदार या फिर परिवार के किसी सदस्य को अपना नामिनी नियुक्त करता है, तो उसे उनका आधार कार्ड देना अनिवार्य होगा। वहीं, कृषि उपज मंडी में धान खरीदी से पहले उनका बायोमैट्रिक आथेंटिकेशन किया जाएगा, इसके बाद ही उक्त नामिनी धान बेच सकता है। इसके अलावा किसान के लिए भी यही व्यवस्था लागू होगी।
पंजीयन के लिए यह दस्तावेज जरूरी
- ऋण पुस्तिका
- बी-1
- आधार नंबर
- पासबुक की छायाप्रति
संशोधन के लिए 30 सितंबर तक आवेदन
उपरोक्त दस्तावेज जमा करने के बाद ही किसान बिक्री कर सकेगा। दस्तावेजों के परीक्षण व सत्यापन के बाद सहकारी समिति द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल में किसानों का पंजीयन किया जाएगा। पंजीयन में संशोधन के लिए 30 सितंबर तक समिति में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। नए पंजीयन व पंजीकृत फसल या रकबे में संशोधन का काम 31 अक्टूबर तक पूरा करना होगा।
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