भगवान गणेश की बुद्धि के प्रदाता माना जाता है। हर धार्मिक कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश को पूजा जाता है। हर साल 10 दिनों के लिए भगवान गणेश सभी की घरों में विराजित होते हैं। गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है, अब अगले 10 दिनों तक बप्पा की पूरे मन से सेवा की जाती है। देश भर में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया गया है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बप्पा का विसर्जन क्यों किया जाता है। आज हम आपको बताएंगे इसकी पौराणिक कथा।
क्यों विराजित किए जाते हैं बप्पा
गणेश उत्सव आते ही हर जगह खूब धूम देखने को मिलती है। हर कोई बप्पा के आगमन को लेकर काफी उत्साहित रहता है। 10 दिनों तक बप्पा की खूब सेवा की जाती है और उनकी पसंदीदा चीजों का भोग लगाया जाता है। इसके बाद बप्पा की मूर्ति जल में विसर्जित की जाती है। गणेश उत्सव के गणेश जी की सेवा करने से वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। साथ ही विघ्नहर्ता जातक के सारे दुख हर लेते हैं।
इसलिए किया जाता है विसर्जन
पौराणिक कथा के अनुसार, वेद व्यास जी ने महाभारत ग्रंथ लिखने के लिए गणेश जी को चुना, क्योंकि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी, जो बोलने की गति के अनुसार लेखन कर सके। वेदव्यास जी ने गणेश जी का आह्वान किया। गणेश जी ने भी उनके प्रस्ताव को स्वीकार किया। 10 दिनों तक वेद व्यास जी ने बिना रुके महाभारत सुनाई और गणेश जी उसे लिखते रहे। 10 दिनों बाद जब वेदव्यास जी ने देखा कि गणेश जी का तापमान काफी बढ़ गया है। तब उन्होंने गणेश जी को तालाब में स्नान करवाया। माना जाता है कि तभी से गणपति विसर्जन की प्रथा की शुरुआत हुई है।
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