नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है। बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया गया है। इस दौरान लोकसभा में हंगामा भी हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस भी इसका श्रेय लेने की होड़ में है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शाम 4 बजे बोलेंगे।
अधिकांश वक्ताओं ने बिल का समर्थन किया है, लेकिन यह सवाल भी उठा है कि यह बिल कब लागू होगा। शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा, जनगणना 2021 में होनी थी और अब 2023 खत्म होने वाला है। जनगणना अभी तक नहीं हुई है और हमें नहीं पता कि यह कब होगी। जनगणना के बाद ही परिसीमन होगा और फिर यह आरक्षण विधेयक लागू हो पाएगा। जब आप इसे लागू नहीं कर रहे थे तो आप यह विधेयक क्यों लाए? इस पुरुष-प्रधान संसद ने महिलाओं को धोखा दिया है।'
बहस की शुरुआत सोनिया गांधी ने की। उन्होंने कहा कि यह बिल उनके जीवन साथी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का सपना था। सोनिया गांधी ने पूछा कि इस कानून को लाने में अब और कितने साल लगेंगे। साथ ही मांग की कि देश में जातिगत जनगणना होना चाहिए और एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी महिलाओं को आरक्षण दिया जाना चाहिए।
महिला आरक्षण बिल पर आप सांसद संजय सिंह ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत ने कहा, 'I.N.D.I.A. गठबंधन में इस बात पर आम सहमति बनी है कि हम विरोध करने के साथ-साथ देश को बीजेपी और नरेंद्र मोदी की मंशा भी दिखाएंगे, लेकिन हम बिल का समर्थन करेंगे ताकि I.N.D.I.A. गठबंधन पर दोषारोपण न हो सके।'
कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी बहस की शुरुआत की। वहीं सत्ता पक्ष की ओर से स्मृति ईरानी और निर्मला सीतारमण के संबोधन पर नजर रहेगी। लोकसभा में प्रवेश करते समय सोनिया गांधीा ने कहा कि यह बिल राजीव गांधी द्वारा लाया गया है।
आज लोकसभा में पारित हो जाएगा
सबकुछ ठीक रहा तो आज ही लोकसभा में बिल पारित हो जाएगा। सदन की कार्यवाही के आखिरी में वोटिंग होगी। पूरी उम्मीद है कि सभी दल एकजुट होकर बिल का समर्थन करेंगे।
इसे भारत की राजनीति में एक ऐतिहासिक दिन बताया जा रहा है। इसके साथ ही 27 वर्षों से अधिक के इंतजार को समाप्त कर सकता है।
बुधवार को लोकसभा सांसद सुबह 11 बजे महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करेंगे। विधेयक को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना है और यह संसद के विशेष सत्र के दौरान पारित हो सकता है।
क्या I.N.D.I.A. गठबंधन में आएगी दरार
कांग्रेस न केवल महिला आरक्षण बिल के समर्थन में है, बल्कि इसका श्रेय भी लेने की कोशिश में है।
उद्धव ठाकरे की शिव सेना गुट और आम आदमी पार्टी भी समर्थन में है।
लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा इस बिल में सब-कोटा लाने में अड़ी हुई है। माना जा रहा है कि वह इस बिल को समर्थन नहीं देंगे।
अधीर रंजन बोले, अस्तित्व में है मनमोहन काल का विधेयक
महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने के बाद मंगलवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सदस्यों से विधेयक का समर्थन करने का आग्रह किया तो सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान लाया गया और राज्यसभा से पारित विधेयक अभी भी अस्तित्व में है।
उनके इस दावे का तुरंत ही सत्ता पक्ष की ओर से विरोध किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्यसभा में जो विधेयक पारित किया गया था, वह 15वीं लोकसभा के साथ ही लैप्स हो गया था।
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