बिलासपुर : पूर्व गृहमंत्री व रामपुर के विधायक ननकीराम कंवर की जनहित याचिका पर डिवीजन बेंच में सुनवाई हो रही है। राज्य शासन ने डिवीजन बेंच के समक्ष स्पष्ट किया है कि चयन सूची में शामिल तीन उम्मीदवारों ने अलग-अलग विभाग में अपनी ज्वाइनिंग दी है। शेष 15 उम्मीदवारों की नियुक्ति पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता ने 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची पेश करते हुए बैक डोर इंट्री का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता ने इनकी नियुक्ति को रद करने की मांग की है।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को याचिका में संशोधन के लिए 48 घंटे का समय दिया है। तय समयावधि में जरूरी संशोधन कर नए सिरे से जनहित याचिका दायर करनी पड़ेगी।
राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता ने शासन स्तर पर फर्जीवाड़े की जांच करने और कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करने की बात कही है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को जानकारी दी है कि शासन की ओर से महाधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे व पैरवी भी करेंगे। शहर से बाहर होने के कारण सुनवाई के दौरान उपस्थित न होने की जानकारी दी।
विधायक सौरभ सिंह ने ट्वीट कर लगाए आरोप सीजी पीएससी में फर्जीवाड़ा को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही है। कोर्ट की तल्खी भी सामने आई है। इसी बीच अकलतरा के भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने अपने ट्वीटर हैंडल पर नितेश के सरनेम को छिपाने का आरोप लगाते हुए लिखा है कि सीजीपीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी ने अपने पद व प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए स्वजन की भर्ती करा ली है। तीन नामों की सूची भी जारी की है।
विधायक ने लिखा है कि नितेश जिसका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है सोनवानी का दत्तक पुत्र है। चयन सूची में सोनवानी सरनेम को छिपाया गया है। साहिल जिसका चयन डीएसपी के पद पर हुआ है सोनवानी का भतीजा है। सुनीता जोशी श्रम पदाधिकारी सोनवानी की भांजी है। एक संयोग ऐसा भी सीजी पीएससी भर्ती परीक्षा में चयनित नितेश को लेकर विवाद की स्थिति बनती जा रही है।
नितेश सोनवानी को टामन सिंह सोनवानी के रिश्तेदार होने के संबंध में सबूत पेश किया जा रहा है। वर्ष 2018 की भर्ती परीक्षा में नितेश सोनवानी ने परीक्षा दी थी। तब पूरा नाम नितेश सोनवानी लिखा गया था। वर्ष 2021 के सीजी पीएससी भर्ती परीक्षा में सरनेम नहीं लिखा गया और नितेश के नाम से चयन सूची जारी कर दी गई। दोनों नितेश में एक समानता यह कि दोनों की जन्मतिथि एक ही है। 12 जून 1992 इसे संयोग तो नहीं कहा जा सकता। जन्मतिथि समान होने की आशंका और भी गहराने लगी है।
दो नामों को करेंगे अलग जनहित याचिका में 18 फर्जी सूची में से पांच उम्मीदवारों द्वारा अलग-अलग पदों पर ज्वाइनिंग की जानकारी दी गई है उसमें से दो उम्मीदवारों के नाम को संशोधन याचिका में अलग किया जाना है। ये दोनों नियुक्तियां बीते वर्ष पीएससी की है। लिहाजा इन दो नामों को याचिका से अलग किया जाना है।
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