लगातार बारिश से रायगढ़ में केलो नदी का जलस्तर बढ़ा, टापू में तब्दील शहर का फुलवारी डीपा

लगातार बारिश से रायगढ़ में केलो नदी का जलस्तर बढ़ा, टापू में तब्दील शहर का फुलवारी डीपा

रायगढ़ :  लगातार वर्षा होने के चलते केलो नदी का जलस्तर बढा गया। नदी पूरे उफान पर है। एसईसीएल मैरीन ड्राइव डूब चुका है। आलम यह नदी किनारे बसे मोहल्लों में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गए हैं जिसमे शहर के वार्ड नं.48 फुलवारी डीपा मोहल्ले का मार्ग जलमग्न हो गया है। जिससे यह इलाका टापू में तब्दील होकर विहंगम दृश्य को दर्शित कर रहा है।

शहर के बाईरदादर क्षेत्र वार्ड नम्बर 48 अंतर्गत आने वाला मोहल्ला फुलवारी डीपा हैं । यहां करीब 40 से 45 परिवार का बसेरा है। यू तो यह वार्ड शहरी क्षेत्र में है लेकिन मौजूदा वर्षा के चलते यह अपहुंच मार्ग, जंगल पहाड़ी इलाके के रूप में नजर आ रहा है। दरअसल पिछले 4 दिनों से हो रही लगातार बारिश से केलो नदी उफान पर है।

जिसके चलते नाले - नालियों के माध्यम से शहर का पानी केलो नदी में समाहित होता है , चूंकि नदी उफान में होने से नालियों का पानी धारा प्रवाह के विपरीत हो रहा है। जिससे नाली नाले जाम होकर नदी का पानी से लबालब हो रहा है। जिसमें बोईरदादर फुलवारी डीपा मोहल्ले से जुड़ा नाले नालियों का हाल भी यही हैं। नाला के ऊपर बनाये गए करीब 4 फीट चौड़ा ढ़ोल पाइप(ह्यूम पाइप) रपटा पुलिया जो उक्त मोहल्ले को वार्ड व शहर से जोड़ता है। वह जलमग्न हो गया जिससे उन्हें आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

फुलवारी डीपा के लोगों ने बताया कि उनके मोहल्ले तक जाने वाला एकमात्र सड़क हर साल केलो नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से पानी में पूरी तरह डूब जाता है। बहरहाल टापू में तब्दील फुलवारी डीपा पारा मोहल्ले में रहने वाले स्कूली छात्रों के अलावा रोजी मजदूरी व अन्य वर्ग वाले लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिन्हें अति आवश्यक है वे तो जलमग्न रपटा से जैसे तैसे पार कर आवागमन कर रहे है। जबकि अन्य लोग सुरक्षा के दृष्टिकोण से घरों में ही रहना मुनासिब समझ रहे है।

विगत कुछ दिन से लगातार बारिश होने के चलते फुलवारी डिपा में बनाया गया रपटा डूब गया है। नाला डाउन में हैं जबकि केलो नदी से लगा हुआ है। नदी का जल स्तर बढ़ते ही नाला में पानी भर जाता है। इसमें पुलिया के लिए प्रस्ताव बनाया जा चुका है जल्द ही टेंडर होकर कार्य भी आरंभ हो जाएगा। इसके अलावा यह क्षेत्र शमशान घाट की भूमि में हैं यहां पुराने एवं वर्तमान में कुछ नए लोग आकर बस गए है।

महेश शुक्ला, पार्षद पति






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