रायपुर : नाबालिग को शादी का झांसा देकर भगाकर ले जाने और कई दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपित विजय प्रकाश रात्रे को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चार अलग-अलग धाराओं में दोषी पाकर क्रमश: बीस-बीस और सात-सात वर्ष की सश्रम कारावास के साथ ही पांच-पांच सौ और एक-एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर आरोपित को कुल नौ महीने की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी। वहीं मामले में आरोपित की मां नोनी बाई रात्रे को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया।
न्यायालय से मिली जानकारी के अनुसार 24 सितंबर 2018 को उरला पुलिस थाने में नाबालिग के पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 22 सितंबर 2018 की सुबह नौ बजे से उसकी बेटी घर से बिना बताए लापता हो गई है। पुलिस ने मामले में गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू की।
इस दौरान पता चला कि नाबालिग को बलौदाबाजार जिले के सरसींवा थानाक्षेत्र के ग्राम मंदईभाठा निवासी विजय प्रकाश रात्रे (24) ने शादी का झांसा देकर अपने साथ भगा ले गया है। इस घटना में उसकी मां नोनी बाई रात्रे ने सहयोग किया है। जांच के बाद पुलिस ने नाबालिग को आरोपित के चंगुल से बरामद कर उसके स्वजन को सौंपा।
बाद में पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने पाक्सो एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। प्रथम फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (पाक्सो) अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लवकेश प्रताप सिंह बघेल की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई।
न्यायाधीश ने ठोस सबूत और साक्ष्यों के आधार पर विजय प्रकाश रात्रे को धारा 363,366 में सात-सात वर्ष और धारा 376(3) और पाक्सो एक्ट में बीस-बीस वर्ष सश्रम कारावास के साथ ही अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि उसकी मां नोनी बाई रात्रे को दोषमुक्त कर दिया।
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