कोरबा में डेंगू का कहर! एक्सपर्ट से जानें लक्षण और बचाव के उपाय

कोरबा में डेंगू का कहर! एक्सपर्ट से जानें लक्षण और बचाव के उपाय

कोरबाः औद्योगिक जिले कोरबा में लोगों को सावधान होने की आवश्यकता है, क्योंकि अब तक डेंगू के 26 मामले आ चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति से निपटने के लिए नगर निगम के साथ बैठक की. इसमें विशेष अभियान चलाने की कार्य योजना तय की गई. लोगों से अपील की गई है, कि अपने आसपास में कहीं भी पानी का जमाव ना होने दें.

मलेरिया और डेंगू के मामले हर वर्ष बारिश के सीजन में सामने आते हैं. मच्छरों के जरिए फैलने वाली इस बीमारी कई मामलों में लोगों की मौत का कारण बन जाती है. छत्तीसगढ़ के औद्योगिक जिले कोरबा में मलेरिया भले ही नियंत्रण में है लेकिन डेंगू लगातार डरा रहा है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने नगर निगम के साथ रणनीतिक बैठक की. इसमें कई बिंदुओं पर विचार करने के साथ जरूरी निर्णय लिए गए.

डेंगू के मरीजों की संख्या हुई 26
सीएमएचओ डॉक्टर एसएन केसरी ने बताया कि जिले में अब तक डेंगू के 26 मामले आए हैं. इनमें से छह मामले एसईसीएल क्षेत्र से संबंधित है. इसलिए हर तरफ सफाई पर विशेष जोर देने को कहा गया है. सीएमएचओ ने बताया कि इस प्रकार की बीमारियां मुख्य रूप से पानी का जमाव होने के कारण होती है. जरूरत इस बात की है कि लोग हर कहीं सफाई रखें जिससे कि मच्छरों का लार्वा उत्पन्न न होने दे.

डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण हल्‍के और गंभीर दोनों हो सकते हैं. संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण चार से सात दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं. सिरदर्द,मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, आंखों में दर्द होना, त्वचा पर लाल चकत्ते होना. डेंगू का मामला गंभीर होने पर फीवर का खतरा बढ़ता है और शरीर में प्‍लेटलेट्स काउंट कम होने लगते हैं. ऐसे में ये लक्षण सामने आ सकते हैं
तेज पेट दर्द
लगातार उल्टी होना
मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव
मूत्र, मल या उल्टी में खून आना
त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना, जो चोट जैसा नजर आ सकता है
सांस लेने में कठिनाई
थकान महसूस करना
चिड़चिड़ापन या बेचैनी

ऐसे करें बचाव
घरों में कूलर आदि तमाम जगहों पर पानी जमा न होने दें. हफ्ते में कम से कम दो बार इसे बदलें.
पीने का पानी किसी बर्तन में जमा है तो उस बर्तन को हमेशा ढककर रखें.
फुल बाजू के कपड़े पहनें और बच्‍चों और बुजुर्गों को खासतौर पर पहनाएं.
सोते समय मच्छरदानी का या मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें.
घर की खिड़की और दरवाजों को खुला न रखें. वेंटिलेशन के लिए उनमें जाली लगवाएं.
किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो विशेषज्ञ को दिखाएं, खुद किसी की सलाह से दवा न लें.

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