तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी देने के विरोध में कर्नाटक में राज्यव्यापी बंद बुलाया गया है. इस बंद को कन्नड़ संगठनों के एक प्रमुख संगठन ‘कन्नड़ ओक्कूटा’ की ओर से बुलाया गया. राज्य में बंद का असर भी देखने को मिल रहा है. शुक्रवार (29 सितंबर) को बेंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली कम से कम 44 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गईं. बंद की वजह से कई शहरों में लोगों का जनजीवन भी प्रभावित हुआ है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कहा है कि ऑपरेशनल वजहों से फ्लाइट कैंसिल की गई हैं. यात्रियों को इसकी सूचना दे दी गई है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि फ्लाइट्स कैंसिल करने के पीछे कर्नाटक बंद का हाथ रहा है. ज्यादातर यात्रियों ने कर्नाटक बंद को ध्यान में रखते हुए अपनी टिकट खुद ही कैंसिल कर ली थीं. बंद की वजह से बेंगलुरू एयरपोर्ट तक जाने में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता, इस वजह से शायद टिकट कैंसिल की गईं.
बेंगलुरू एयरपोर्ट में घुसे कार्यकर्ता
वहीं, कर्नाटक के झंडे के साथ पांच कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरू एयरपोर्ट के भीतर घुसने की कोशिश की. इससे पहले ही ये कार्यकर्ता बखेड़ा खड़ा कर पाते, इन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया. सूत्रों ने बताया कि हिरासत में लिए गए पांचों लोगों से टिकट मिले हैं. ये सभी टिकट बुक किए हुए थे. इन टिकट को दिखाकर इन कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट के भीतर एंट्री और फिर प्रदर्शन करना चाहा, मगर ऐसा करने से पहले ही इन्हें पकड़ लिया गया.
इन इलाकों में धारा 144 लागू
कर्नाटक में बुलाए गए बंद को बेंगलुरू और राज्य के दक्षिणी इलाकों में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. यही वजह है कि राज्य के इस हिस्से में जनजीवन ज्यादा प्रभावित हुआ है. बेंगलुरू शहर, मांड्या, मैसुरु, चामराजनगर, रामनगर और हसन जिलों में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए धारा-144 लागू की गई है. इन शहरों में स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. कावेरी नदी जल विवाद की वजह से मंगलवार को बेंगलुरू बंद रहा था.
बंद को ‘कर्नाटक फिल्म एक्जीबीटर्स एसोसिएशन’ का भी समर्थन मिला है. कर्नाटक में शाम तक के शो को कैंसिल कर दिया गया है. बेंगलुरू में बंद का असर कुछ यूं देखने को मिला है कि आईटी सेक्टर समेत कई सारे डोमेन की कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को कहा है कि वे वर्क फ्रॉम होम कर सकते हैं. इस बंद को ‘ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स यूनियन’ और ‘ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन’ का भी समर्थन मिला है.
Comments