छात्रों की मौत के बाद मणिपुर में हिंसा जारी, कई इलाकों से 9 घंटे हटाया गया कर्फ्यू

छात्रों की मौत के बाद मणिपुर में हिंसा जारी, कई इलाकों से 9 घंटे हटाया गया कर्फ्यू

मणिपुर में लगातार हिंसा हो रही है। दो स्टूडेंट्स की मौत के बाद एक सप्ताह से हालात गंभीर हैं। 23 सितंबर को दोनों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। जिसके बाद लगातार हालात बेकाबू हो रहे हैं। 27 सितंबर को भीड़ ने थाउबल जिले में स्थित बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी थी। वहीं, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इंफाल पूर्व के लुवांगसांगबाम स्थित निजी घर पर भी हमले की कोशिश हुई थी।

लेकिन ऐन मौके पर पुलिस ने उपद्रवियों को 500 मीटर दूर रोक लिया। बीजेपी दफ्तर की सिक्योरिटी सीआरपीएफ और आरएएफ के हवाले की गई है। इंफाल के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में कर्फ्यू में सुबह 5 से 11 बजे तक ढील भी दी गई। शनिवार को भी सुबह 5 से दोपहर 2 बजे तक कर्फ्यू हटाया गया था।

पुलिस की ओर से छात्रों पर लाठी भांजे जाने के मामले में समिति का गठन जांच के लिए किया गया है। डीजीपी राजीव ने बताया कि जिन छात्रों की मौत हुई थी। उसके चलते प्रोटेस्ट में लाठीचार्ज के बाद 45 लोगों के घायल होने की बात सामने आई थी। बताया जा रहा है कि बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट शारदा देवी के घर भी अटैक की कोशिश हुई है। इंफाल वेस्ट के डीसी के घर भी आगजनी की कोशिश हुई है।

उन इलाकों में हिंसा हो रही है, जिनको शांत क्षेत्र घोषित किया हुआ है। मारे गए स्टूडेंट्स टेरा जिले के हैं। यहां पर हजारों लोगों ने प्रोटेस्ट किया है। प्रदर्शनकारियों की डिमांड है कि जल्द आरोपियों को दबोचा जाए। परिजनों ने संस्कार के लिए छात्रों के शव मांगे हैं। कहा है कि जब तक शव नहीं दिए जाते, वे समझौता नहीं करेंगे। न ही कोई मुआवजा लेंगे।

एसएसपी राकेश बलवाल को भेजा गया मणिपुर

केंद्र ने श्रीनगर के एसएसपी राकेश बलवाल को मणिपुर भेजा है, वे 2012 बैच के आईपीएस हैं। हिंसा के बीच उनको मूल कैडर में पोस्टेड किया गया है। वे तीन साल एनआईए में एसपी की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। पुलवामा हमले की जांच 2019 में उन्होंने की थी। इस हमले में 40 जवान सीआरपीएफ के शहीद हुए थे। केंद्र ने 27 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि मैतेई बाहुल्य 19 थाने एएफएसपीए से दूर रहेंगे।

यह एक अक्टूबर से कुकी इलाकों में लागू होगा। मैतेई बाहुल्य को छोड़ बाकी इलाकों को अशांत घोषित किया गया है। सीएम के खिलाफ भी मैतेई समर्थक होने के आरोप लगे हैं। लेकिन इन्हीं इलाकों में स्कूल खुलने के बाद स्टूडेंट्स की ओर से आगजनी की गई। जिसमें लगभग 50 लोग घायल हैं। ऐसे में इन इलाकों को शांत बताना सवालों के घेरे में है। सुरक्षाकर्मियों की ओर से भीड़ को काबू करने के लिए पैलेट गन चलाने का भी आरोप है। जिसमें एक व्यक्ति घायल हुआ है।

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