एशियाई खेल 2023 में भारत ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। भारत की झोली में 16 स्वर्ण सहित 71 पदक आ चुके हैं। अब तक एशियाई खेलों में भारत ने अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन 2018 में किया था। तब भारत ने कुल 70 पदक जीते थे। एशियाई खेलों के 11वें दिन ज्योति सुरेखा और ओजस देवतले की जोड़ी ने देश को 71वां पदक दिलाया और एशियाई खेल 2023 को भारत के लिए यादगार बना दिया।
तीरंदाजी की मिश्रित स्पर्धा में भारतीय जोड़ी ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह मौजूदा एशियाई खेलों में भारत को 16वां स्वर्ण था। फाइनल मुकाबले में भारत ने दक्षिण कोरिया को 159-158 के अंतर से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। आइए जानते हैं कि भारतीय जोड़ी ने कैसे स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
पहला राउंड: भारत के दोनों तीरंदाजों ने दोनों प्रयास में 10-10 अंक हासिल किए और भारत को पूरे 40 अंक मिले। वहीं, दक्षिण कोरिया के तीरंदाजों ने एक प्रयास में नौ अंक हासिल किए। पहले राउंड के बाद स्कोर 40-39 से भारत के पक्ष में था।
दूसरा राउंड: कोरियाई जोड़ी ने पहले प्रयास किया और सभी चार तीर सटीक निशाने पर दागकर 40 अंक हासिल किए। भारतीय तीरंदाजों ने भी कोई गलती नहीं की और पूरे 40 अंक हासिल किए। दूसरे राउंड के बाद भारतीय टीम 80-79 के स्कोर से आगे रही।
तीसरा राउंड: कोरियाई तीरंदाजों ने दबाव में अच्छा प्रदर्शन किया और पूरे 40 अंक हासिल किए। भारत की तरफ से ओजस ने एक प्रयास में नौ अंक हासिल किए और भारत की बढ़त खत्म हो गई। तीसरा राउंड खत्म होने के बाद दोनों टीमें 119-119 के स्कोर के साथ बराबरी पर रहीं।
चौथा राउंड: भारतीय ने पहले प्रयास किया और दोनों तीरंदाजों ने 10 अंक हासिल किए। वहीं, कोरिया के जू नौ अंक ही हासिल कर पाए। भारत के पास एक अंक की बढ़त हो गई। अपने आखिरी प्रयास में चारों तीरंदाजों ने 10 अंक हासिल किए। हालांकि, जू की गलती के चलते अंत में भारतीय टीम 159-158 के स्कोर से आगे रही और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
भारत के लिए ज्योति ने शानदार प्रदर्शन किया और सभी आठ प्रयासों में सटीक निशाने पर तीर दागे। उन्होंने पूरे 80 अंक हासिल किए। वहीं, तेजस एक प्रयास में नौ ही अंक हासिल कर पाए थे। उन्होंने अपने आठ प्रयासों में 79 अंक हासिल किए।
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