एशियन गेम्स के इतिहास में पहली बार भारत के 100 पदक पक्के

एशियन गेम्स के इतिहास में पहली बार भारत के 100 पदक पक्के

चीन में खेले जा रहे एशियाई खेलों में कामयाबी की नई इबारत लिखी जा चुकी है। राष्ट्रीय खेल हॉकी में गोल्ड मेडल जीतते ही भारत के 100 पदक पक्के हो गए। इधर हमारा तिरंगा सबसे ऊंचा लहरा रहा था तो उधर ‘अबकी बार सौ पार’ का मंत्र पूरा हो रहा था। मेडल टेली में भारत के पदकों की संख्या भले ही 95 दिख रही हो, लेकिन शनिवार को शतक पूरा होना तय है। 

चीन के हांगझोऊ में जारी एशियाई खेलों में भारतीय दल ने शुक्रवार को मेंस हॉकी का स्वर्ण, कुश्ती में तीन पदक, सेपकटकरॉ में ऐतिहासिक कांस्य के साथ 95 पदक अपनी झोली में डाल लिए। भारत के कबड्डी (दो), तीरंदाजी (तीन), हॉकी (एक) , बैडमिंटन (एक) और क्रिकेट (एक) में कुल छह पदक पक्के हैं, इनके इवेंट्स होने के बाद भारत शनिवार को पहली बार एशियाई खेलों के इतिहास में सौ पदक पार कर लेगा।

भारत ने पिछली बार जकार्ता में 70 पदक जीते थे, जिसमें 16 स्वर्ण, 23 रजत और 31 कांस्य थे। इस बार निशानेबाजों ने 22 और एथलेटिक्स में 29 पदक आए हैं, जिससे भारत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सका। भारतीय दल ने कई अप्रत्याशित पदक भी जीते, जिसमें महिला टेबल टेनिस टीम का कांस्य (सुतीर्था मुखर्जी और अहिका मुखर्जी) शामिल है। पारूल चौधरी ने महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में आखिरी 30 मीटर में कमाल करके स्वर्ण जीत लिया। भालाफेंक में ओलिंपिक और विश्व चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण और किशोर जेना ने रजत पदक जीता।

 

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