छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : निर्वाचन अनुवीक्षण के संबंध में दिशा निर्देश जारी, व्यय की सीमा 40 लाख  निर्धारित

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : निर्वाचन अनुवीक्षण के संबंध में दिशा निर्देश जारी, व्यय की सीमा 40 लाख निर्धारित

बलौदाबाजार  : विधानसभा निर्वाचन के अंतर्गत अधिसूचना जारी होने के साथ ही निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया गया है। जारी दिशा निर्देश के अनुसार निर्वाचन हेतु अभ्यर्थियों को एक पृथक बैंक अकाउंट, नामांकन दाखिल करने के कम से कम 1 दिन पूर्व खोलना होगा एवं नामांकन पत्र दाखिल करते समय अभ्यर्थी को इस पृथक बैंक अकाउंट का उल्लेख करना होगा।

नाम निर्देशन की तारीख से लेकर परिणाम की घोषणा होने तक दोनों तिथियां को सम्मिलित करते हुए समस्त व्यय उक्त बैंकिंग अकाउंट से स्वयं या उसके निर्वाचन एजेंट द्वारा किया जाएगा। निर्वाचन के दौरान अभ्यर्थी द्वारा किए जाने वाले निर्वाचन व्यय की सीमा 40 लाख रुपये निर्धारित किया गया है। नामांकन पत्र दाखिल करते समय अभ्यर्थी को अपने समस्त चल अचल संपत्ति के बारे में शपथ पत्र में जानकारी देनी होगी। अभ्यर्थियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह प्रचार अवधि के दौरान कम से कम तीन बार निजी रूप से या अपने निर्वाचन एजेंट के माध्यम से या अपने द्वारा विधिवत रूप से प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा व्यय प्रेक्षक निरीक्षण के लिए पदाभिहित अधिकारी के सम्मुख रजिस्टर पेश करेगा। परिणाम घोषणा के 30 दिवस के भीतर अभ्यर्थी को अपने लेखे का विवरण जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।

  निर्धारित समय में व्यय लेखा जमा नहीं करने पर निर्वाचन आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 क के तहत अभ्यर्थी को 3 साल के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है। यदि अभ्यर्थी का कोई अपराधीक पूर्ववृत है तो अभ्यर्थी को निर्धारित प्रारूप में नाम वापसी के पश्चात मतदान दिवस के दो दिन पूर्व तक तीन बार समाचार पत्र एवं टेलीविजन में अपने अपराधिक मामले के विषय में प्रकाशन, प्रसारण करना होगा।

  यदि अभ्यर्थी किसी पंजीकृत राजनीतिक दल द्वारा खड़ा किया गया है तो उसे अपने अपराधिक पूर्ववर्त की सूचना अपने दल को भी देनी होगी। और ऐसे राजनीतिक दल को अभ्यर्थी के अपराधिक पूर्ववृत्त का प्रकाशन और प्रसारण एक स्थानीय समाचार पत्र एवं एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशन एवं टेलीविजन पर प्रसारण करना अपेक्षित है। साथ ही ऐसे अपराधिक पूर्ववृत वाले अभ्यर्थी की समस्त जानकारी अपने वेबसाइट तथा सोशल मीडिया तथा फेसबुक, ट्विटर आदि पर भी प्रकाशित करनी होगी। उन्हें यह भी बताना होगा कि बिना आपराधिक चरित्र वाले अभ्यर्थी के स्थान पर आपराधिक पूर्ववृत्त वाले व्यक्ति के चयन का कारण क्या है। नाम वापसी के अंतिम दिन से चौथे दिन में पहला प्रकाशन, नाम वापसी के अंतिम दिन के 5 से 8 दिन में दूसरा प्रकाशन एवं नाम वापसी के अंतिम दिन के 9 वें दिन से प्रचार प्रसार के अंतिम तक तीसरा प्रकाशन करना होगा। उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन न करना माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की श्रेणी में माना जाएगा।

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