सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना आज (बुधवार, 11 अक्टूबर) को कोर्टरूम में तब भड़क गईं, जब उनकी बेंच द्वारा पारित एक आदेश को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत पहुंच गई। जस्टिस नागरत्ना कहा कि सुप्रीम कोर्ट का हर बेंच सुप्रीम कोर्ट है और उसका आदेश सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ द्वारा पारित आदेश को वापस लेने के लिए देश के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष एक आवेदन का मौखिक रूप से उल्लेख करने के लिए जस्टिस नागरत्ना ने केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को फटकार लगाई।
जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि वह बिना आवेदन दायर किए किसी अन्य पीठ द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप के लिए मुख्य न्यायाधीश से संपर्क करने वाले संघ की कार्रवाई से परेशान और चिंतित हैं। जस्टिस नागरत्ना ने चिंता व्यक्त की कि यदि ऐसी मिसाल कायम की गई तो अदालती व्यवस्था चरमरा जाएगी।
लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस नागरत्ना ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा, "हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते। यदि केंद्र ही ऐसा करना शुरू कर देगा तो निजी पार्टियाँ भी ऐसा करने लगेंगी। हम एक अभिन्न न्यायालय हैं। सुप्रीम कोर्ट की हर पीठ सुप्रीम कोर्ट ही है। हम एक न्यायालय हैं जो अलग-अलग पीठों में बैठे हैं। अपनी बात करूं तो, मैं भारत संघ 'ओर से इसकी सराहना नहीं कर सकती हूं।
बता दें कि सोमवार (9 अक्टूबर) को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने एक विवाहित महिला को 26वें सप्ताह में अनियोजित गर्भ का गर्भपात कराने की अनुमति दी थी। याचिकाकर्ता को गर्भावस्था के चिकित्सीय समापन के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली से संपर्क करने का निर्देश दिया गया था।
इसके बाद, कल शाम 4 बजे ASG ऐश्वर्या भाटी ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष दोनों जजों की बेंच के आदेश के खिलाफ मौ रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की राय है कि भ्रूण के जीवित पैदा होने की संभावना है, इसलिए संघ उस आदेश को वापस लेने की मांग कर रहा है। इस दलील पर, CJI चंद्रचूड़ ने एम्स को गर्भपात प्रक्रिया स्थगित करने के लिए कहा और संघ को आदेश वापस लेने के लिए एक आवेदन दायर करने का निर्देश दिया। नतीजतन, मामले पर फिर से विचार करने के लिए जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बीवी नागरत्ना की विशेष पीठ का आज पुनर्गठन किया गया था।
आज जब विशेष पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू की, तो जस्टिस नागरत्ना ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि उन्होंने बिना कोई आवेदन या दलील दायर किए सीजेआई से हस्तक्षेप की मांग क्यों की थी। इस पर एएसजी भाटी ने घटनाक्रम के लिए माफी मांगी, लेकिन अदालत को समझाया कि उन्हें तत्काल मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का उल्लेख करना पड़ा क्योंकि अदालती आदेश में डॉक्टर को कल ही गर्भावस्था को समाप्त करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने कहा, "इसलिए मुझे इसका उल्लेख सीजेआई से करना पड़ा, क्योंकि आपका निर्देश कल ही गर्भ की समाप्ति करने का था।
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