बालोद : नवरात्र के प्रथम दिन रविवार को सुबह से ही देवी मंदिरों में भीड़ रही। पूजा की थाली लेकर श्रद्धालु पहुंचकर पूजा अर्चना किए।शीतला माता मंदिर में जोत जवारा स्थापित किए गए। जगह-जगह मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी विराजित की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी नवरात्र प्रारंभ के दिन से ही ग्रामीणों में श्रद्धा का संचार हो गया है। नौ दिनों तक चलने वाला नवरात्रि पर्व रविवार को प्रारंभ हो गया। अभिजीत मुहूर्त में जोत जवारा स्थापित कर पूजा अर्चना की गई। माता देवालयों में सुबह से ही इसकी तैयारी में ग्रामीण लग गए थे। दुर्गा मां की मंदिरों में भी सुबह से पूजा अर्चना करने लोगों का तांता लगा रहा। दिन भर लोग मंदिरों में पहुंचते रहे। शाम को दुर्गा पंडालो में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई। बालोद में मोखला मांझी मंदिर, गांधी भवन, बुधवारी बाजार, नया बस स्टैंड पुराना, बस स्टैंड स्थित शिव मंदिर, पाररास, रेलवे कॉलोनी, पांडे पारा, बुढ़ापारा, संजय नगर आदि स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमाएं विराजित की गई है।
झांकी के साथ मां दुर्गा प्रतिमाएं विराजित
बालोद में दुर्गा पंडालो को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया है। कुछ जगहों पर झांकियों का रूप भी दिखाया गया है। मां दुर्गा की आकर्षक मूर्तियां विशेष रोशनी के साथ स्थापित की गई है। शाम को मां दुर्गा पंडालो में भी पूजा अर्चना करने काफी संख्या में लोग उमड़े।
बंजारी धाम में 251 जोत कलश स्थापित
बालोद के समीप मां बंजारी धाम मंदिर जुंगेरा में इस वर्ष 251 जोत कलश स्थापित किए गए हैं। यहां पर भी सुबह से ग्रामीण पूजा अर्चना करने पहुंचे थे। प्रतिवर्ष यहां पर जोत स्थापित किए जाते हैं। वहीं पर स्थापित बटुकेश्वर महादेव मंदिर में भी दर्शन करने आज लोग पहुंचे यहां भी ज्योत कलश की स्थापना की गई है।
गंगा मैया मंदिर झलमला में 901 जोत प्रज्वलित
बालोद के समीप स्थित गंगा मैया मंदिर झलमला में इस बार 901 जोत कलश की स्थापना की गई है। यहां पर पूरे 9 दिन तक विविध आयोजन किए जाते हैं। माता सेवा के साथ रविवार को विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर ज्योति कलश की स्थापना की गई। गंगा मैया मंदिर झलमला में प्रतिदिन श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। नवरात्र के अवसर पर तो यहां श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में होती है।
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