बलौदाबाजार : जिले के गिरोधपुरी धाम में उस वक्त हड़कंप मच गया जब फांसी के फंदे पर एक व्यक्ति का शव लटकता देखा गया। जिसके बाद लोगों ने इसकी सुचना पुलिस दी। अब सवाल यह उठता है कि गिरोधपुरी धाम में मंदिर जाने के रास्ते में ही यह घटना हुई है तो आखिर पुलिस कहां थी ? और आचार संहिता लगने के बाद इतनी बड़ी संख्या में एकत्रित होना, क्या सही था.
आपको बता दें कि अभनपुर विकासखंड से सतनामी समाज के सैकड़ो की संख्या में लोग कल रात्रि में गिरोधपुरी दर्शन करने के पहुंचे थे। इसके बाद रात में उनका वहीं रुकना हुआ. मामला यह था कि रायपुर जिले के अभनपुर ब्लाक के सतनामी समाज के परिक्षेत्र अध्यक्ष बनने पर जितेंद्र बंजारे ने अपने क्षेत्र के लोगों को गिरोधपुरी दर्शन कराने लाए थे। उन्हें में से किसी एक व्यक्ति जिसका नाम उधोरम ध्रीतलहरे है। उसका पेड़ पर फांसी के फंदे से लटका हुआ लाश मिलने से लोगों में हड़कंप मच गया।
सुचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने बताया कि समाज के व्यक्ति यहां दर्शन करने के लिए आए थे और मृतक के मौत का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। फ़िलहाल, पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। सवाल उठता है कि जिले में आचार संहिता और धारा 144 लागू ऐसे में समाज के लगभग 500 लोगों का गिरोधपुरी धाम एकत्रित होना क्या आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन नहीं करता।
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