खाद्य तेलों की कीमतों में जबरदस्त गिरावट बनी हुई है। आम उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है कि त्योहारी सामने है और खाद्य तेलों के दाम बीते दो वर्ष के निचले स्तर पर आ गए है। कारोबारियों का कहना है कि खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट के पीछे मुख्या कारण विदेशी आयातित तेल पर्याप्त मात्रा में आना है।
आवक की तुलना में इन दिनों मांग कमजोर है। विशेषकर सोयाबीन और पाम तेलों में गिरावट बनी हुई है। चिल्हर में इन दिनों खाद्य तेलों के दाम 100 से 105 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं। फल्ली तेल की कीमतों में थोड़ी तेजी बनी हुई है। कारोबारी प्रसन्न धाड़ीवाल ने बताया कि खाद्य तेलों में आई यह गिरावट एक वर्ष पहले के निचले स्तर पर है। त्योहारी सीजन में अब इसकी मांग में भी बढ़ोतरी होने लगी है।
त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने और कमजोर आवक के चलते शक्कर की कीमतों में जबरदस्त तेजी आ गई है। थोक बाजार में ही शक्कर इन दिनों 4,060 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई है। चिल्हर में इसकी कीमत 45 रुपये किलो तक पहुंच गई है। आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है।
यह माना जा रहा कारण कारोबारियों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और ग्लोबल कीमतों में आ रही गिरावट के चलते खाद्य तेलों के दाम नीचे आए हैं। आयातित खाद्य तेल पर्याप्त मात्रा में आ रहा है। बताया जा रहा है कि इन दिनों ऐसा भी प्रयास हो रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटी कीमतों का तालमेल घरेलू स्तर पर भी बैठाया जाएगा। मालूम हो कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में आयात शुल्क घटाया है।
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