बिलासपुर : मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का सामने आया है जहां वर्तमान में रह रहे प्रार्थी त्रिवेणी नगर निवासी हरिशंकर टण्डन के साथ 6 लाख 20 हज़ार रुपए की ठगी हुई है। उक्त मामले कि शिकायत उन्होंने सरकंडा थाने में दर्ज कराई है। जहां उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में अखिलेश चौहान से उनसे जान पहचान हुई थी। जिन्होंने प्रार्थी से आशीष दास की मुलाकात कराई थी। अखिलेश चौहान ने प्रार्थी को बताया कि आशीष दास की कोलकाता रेलवे दफ्तर में काफी ऊंची पहुंच है जिससे वह बिना कंपटीशन एग्जाम फाइट किया ही दुर्ग में टीटी की नौकरी कर रहा है। उन्होंने मिनीसट्रियल कोटा से प्रार्थी की नौकरी लगाने का विश्वास दिलाया। आरोपियों ने जॉइनिंग से लेकर सैलरी स्लिप तक की फर्जी लेटर तैयार कर प्रार्थी को भरोसा दिलाया इसके बाद उनके बीच साढे सात लाख रुपए में सौदा तय हुआ इन रुपयों को किस्तों किस्तों में, जैसे की मेडिकल के लिए 1.50 लाख (चेक से), मेडिकल में जाने से पहले 2 लाख (चेक से), ट्रेनिंग में 2 लाख, फर्म कन्फरमेसन में 2 लाख और लास्ट में बाकि बचा पैसा जइनिंग लेटर आने के बाद देने पर सहमति बनी।
जिसके बाद आशीष दास 11/12/2020 को रेल्वे कोलकाता का ग्रुप सी. के टी. सी. के पद का फर्म भरने के लिए लेकर प्रार्थी के घर आया। जहां से फॉर्म में हस्ताक्षर और अंगूठा लिया। फिर 13/12/2020 को मेडिकल जांच शुरू होने के नाम पर आरोपियो ने प्रार्थी से पहली किश्त ले ली। फिर नाटकीय रूप से प्रार्थी को मेडिकल के लिए कोलकता सियालदह डिवीज़न के CMO हस्पिटल कचडापारा मेडिकल जांच कराया। बात यही नहीं रुकी आरोपियों ने इसके बाद ट्रेनिंग के नाम पर भी प्रार्थी को लगभग 15 दिनों तक कोलकाता के आसपास रेलवे दफ्तरों में अलग-अलग लोगों से मिलवा कर ट्रेनिंग कि खाना पूर्ति करने का प्रयास करने लगे, इन सभी के बीच वह लगातार अलग-अलग किस्तों में प्रार्थी से पैसा वसूल करते रहे। फिर प्रार्थी को पुनः बिलासपुर वापस भेज दिया गया। आरोपियों के इन रवैया से प्रार्थी को शक हुआ। जिसके कुछ दिन बाद ही एक नए नंबर से रेलवे अधिकारी बनकर प्रार्थी से एक व्यक्ति ने बात की जिन्होंने उन्हें जानकारी दिखाई उनका फॉर्म गलत भर गया है जिस वजह से उनकी ट्रेनिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है लिहाजा फॉर्म को फिर भरने के आरोपियो ने प्रार्थी से पुन. 02/06/2021 से 16/6/2021 के बीच 20 हज़ार रुपए ऐंठ लिए।
इस बीच कोरोना के वजह से आरोपी लगातार प्रार्थी को अलग-अलग बहाना बनाकर भ्रमित करते रहे कोविड के बाद जब प्रार्थी ने आरोपियों से बात की तो उन्होंने बताया कि रेलवे के बड़े अफसर कि कॉविड में मृत्यु हो गई है वहीं उन्होंने प्रार्थी के पैसे वापस करने का आश्वासन देते हुए सालों तक उनको भ्रमित करते रहे। जिससे प्रार्थी को अपने साथ लाख 20 हजार कि ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने आरोपियों के खिलाफ ठगी की शिकायत सरकंडा थाने में दर्ज कराई है जहां मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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