कोटा जिले से प्यार की एक ऐसी आंखों देखी कहानी सामने आई है जिसको सुन राजस्थान में चार्चओं का बाजार गर्म है। पिछले दो दिनों से एक बुजुर्ग महिला सांप को अपना बेटा मान उसके साथ रह रही थी। इतना ही नहीं सांप महिला की बात मानकर गोद में बैठकर अठखेलियां भी करता नजर आया है। कोटा : विज्ञान की इस दुनिया में आस्था के चमत्कार भी देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक मामला कोटा जिले के सांगोद कस्बे से सामने आया। घर में घुसे सांप को जब लोग मारने लगे तो एक वृद्धा ने उसे यह कहकर बचाया कि यह उसका मरा हुआ बेटा है, जो सांप के रूप में लौट आया है। दो दिन से सांप महिला के आसपास घूम रहा है। महिला उसे उठाकर गले में डाल लेती है तो कभी पकड़कर दुलारती है। आसपास के गांवों में भी इस घटना की चर्चा बनी हुई है। बड़ी संख्या में लोग इसे देखने भी आए थे। जो इस बात के साक्षी हैं कि मां को सांप कुछ भी नहीं कर रहा था और उनके गले में अटखेलियां करता था।
सांगोद क्षेत्र के रसकपुरिया निवासी राजूलाल बैरवा ने बताया कि बुधवार सुबह घर के अंदर काला सांप नजर आया। डर के मारे उसे मारने की कोशिश की तो मां बादाई बाई (65) ने रोक दिया। मां ने सांप के हाथ जोडकऱ सांप कहा कि 'परिवार का कोई देवता है तो रुक, नहीं तो घर से बाहर चला जा', जब सांप नहीं हिला तो मां नीचे सांप के पास बैठ गई। फिर दोबारा पूछा कि मेरा बेटा है तो गोद में आकर बैठ जा। इसके बाद सांप मां की गोद में आकर बैठ गया। ग्रामीणों ने सांप को देखा तो उसे मारने दौड़े
मंगलवार सुबह घर के पास ही नाली में ग्रामीणों ने सांप को देखा तो उसे मारने के लिए दौड़े। मां ने देखा तो वह दौडकऱ सांप को उठाकर घर ले आई। यह देख ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। मां ने सांप को चबूतरे पर कपड़ा बिछाकर छोड़ दिया। वह काफी देर वहां बैठा रहा और बाद में पास ही पत्थरों के ढेर में घुस गया।
जिसको माना सांप उसे बताया बड़ा भाई
राजूलाल ने बताया कि करीब 15 साल पहले बड़े भाई हंसराज (24) की पार्वती नदी में नहाने के दौरान डूबने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद परिजन इस सांप को हंसराज का पुनर्जन्म मान रहे हैं, हालांकि मंगलवार शाम को सांप की मौत हो गयी। जिसके बाद परिजनों की ओर से पास ही के खेत पर सांप का दाह संस्कार कर दिया गया।
Comments