महाराष्ट्र के नागपुर में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां 22 साल की एक महिला कृषि वैज्ञानिक ने वैवाहिक रिश्तों में कटुता से तंग आकर अपने पति और चार ससुराल वालों की शातिराना तरीके से हत्या कर दी. इसके लिए उसने अपनी वैज्ञानिक शिक्षा का ऐसा दुरुपयोग किया, जिसकी वजह से पुलिस भी हैरान है.
वारदात को अंजाम देने के लिए उसने कैमेस्ट्री की भाषा में "जहरों का जहर" कहे जाने वाले सबसे घातक केमिकल "थैलियम" का इस्तेमाल किया जो रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन होता है. पुलिस ने आरोपी वैज्ञानिक को गुरुवार (19 अक्टूबर) को गिरफ्तार कर लिया है. उसका नाम संघमित्रा है. वारदात को अंजाम देने के लिए उसने अपनी सहेली और रिश्तेदार रोजा रामटेके को भी अपने साथ मिला लिया था. दोनों को गिरफ्तार किया गया है.
वैज्ञानिक के पिता ने की थी खुदकुशी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक शादी में पति के साथ अनबन से परेशान होकर संघमित्रा के पिता ने पांच महीने पहले महाराष्ट्र के अकोला स्थित अपने घर पर खुदकुशी कर ली थी. उसके बाद से वह पिता की मौत के लिए अपने ससुराल वालों को जिम्मेदार मान रही थी. उसने बदला लेने के लिए वैज्ञानिक रिसर्च कर इस बारे में पता लगाया कि कौन से जहर का इस्तेमाल कर वारदात को अंजाम दिया जाए ताकि सुरक्षा एजेंसियों को पता ना लगे.
अज्ञात आदिवासी गांव में ससुराल वालों को दी जहर
इसके बाद उसने महाराष्ट्र के माओवाद प्रभावित जिले गढ़चिरौली के एक अज्ञात आदिवासी गांव में अपनी सहेली रोजा की मदद से पति और 4 ससुराल वालों को भी एक-एक कर इस घातक जहरीले केमिकल थैलियम से इंजेक्ट किया. उसके पति और चार ससुराल वालों की मौत का सिलसिला 20 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच जारी रहा था.
शुरुआत में मौत के लक्षणों से डॉक्टर भी हैरान थे, लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में जहरीले केमिकल की मौजूदगी की भनक लगने के बाद गहन जांच की गई तब थैलियम के बारे में जानकारी मिली. पुलिस भी वारदात को अंजाम देने के इस तरीक़े से भौंचक्की रह गई है.
वैज्ञानिक ने कबूल कर लिया है गुनाह
गुरुवार को पुलिस की गहन पूछताछ में संघमित्रा ने गुनाह कबूल कर लिया है. उसने अपने साथी रोजा की संलिप्तता उजागर की, जिसके बाद दोनों को गुरफ्तार कर हत्या समेत अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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