शैलेश भारी या टंकराम कौन किसपे पड़ेगा भारी चुनावी रण में,आइए समझते है ज्योतिष की दृष्टिकोण से

शैलेश भारी या टंकराम कौन किसपे पड़ेगा भारी चुनावी रण में,आइए समझते है ज्योतिष की दृष्टिकोण से

बलौदाबाजार विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी शैलेश मैदान में है तो भारतीय जनता पार्टी की ओर से टंकराम मैदान में है। दोनों ही प्रत्याशी टिकट मिलते ही मैदान में उतर कर दम खम के साथ भाग्य आजमाइश में लग चुके हैं। यदि ज्योतिषीय रूप से दोनों के जीत की गणना की जाए तो पहले उनके स्वभाव को समझना आवश्यक होगा। आज ज्योतिषीय पहलू को दृष्टिगत रखते हुए यह लेख आपके समक्ष प्रस्तुत है।

तुला और कुंभ  राशि दोनों ही वायु तत्व की राशियां है, जो उनके बीच एक सामान्य समझ पैदा करने का कार्य करती है। क्या उनकी सामान्य समझ उन्हें एक-दूसरे के लिए भी अनुकूल है।

तुला और कुंभ नेचुरली एक दूसरे की ओर अट्रेक्ट होते हैं, जो उनके बीच गहरे संबंधों को प्रदर्शित करने का काम करते है। लगभग एक जैसे स्वभाव वाले दोनों महारथी अपना अपना वर्चस्व कायम करने के लिए जनता का दरवाजा खटखटाना का काम अपना राज योग स्थापित करने के लिए जुट गए हैं।

शैलेश नाम के लोग प्रतिभावान, खुद पर नियंत्रण रखने वाले और नरम दिल के इंसान होते हैं। इस नाम के लोगों के पास बुद्धि की कमी नहीं होती और इन्हें अपने ज्ञान पर काफी गर्व होता है।

टंक राम की राशि तुला है। इस राशि वाले जातक सबके लिए अच्छा करना चाहते हैं। ये विवादों को निपटाने में कुशल होते हैं और इनमें न्याय की गहरी भावना होती हैं। निष्पक्षता की यह लगन इनकी व्यक्तिगत जरूरत होती है संघर्ष और टकराव से बचने के लिए। चतुर रणनीतिकार और आयोजक, ये जानते हैं कि कैसे चीजों को अत्यंत शिष्टता के साथ किया जाता हैं।
इनके स्वभाव को समझना थोड़ा मुश्किल होता है।

इसलिए राशि के स्वभाव को देखते हुए निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है की दोनों के बीच कांटे की टक्कर होगी। दोनों में सामर्थ्य है और काफी समानता भी। दोनों जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में काफी सक्षम है।

शैलेश की राशि कुंभ है इनके गुप्त शत्रुओं की कमी नहीं है। यदि राशि के अनुसार विश्लेषण किया जाए तो
कुंभ राशि के जातकों की वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला व मकर राशि वालों के साथ मित्रता रहती है। इनकी मेष, कर्क, सिंह व वृश्चिक राशि वालों के साथ शत्रुता रहती है या हमेशा झगड़े चला करते हैं। कुंभ राशि के लोगों के मित्रों में गुप्त शत्रु अधिक होते हैं, जो उन्हें धन तथा सम्पत्ति की हानि पहुंचाते हैं।।
शैलेश की मित्र राशि में आने वाले नाम के प्रथम अक्षर
ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो,का, स, की, के, कू, घा, यां, चा, छ, हा, टो, त, पा, फा, पी, पू, श, आ,ना, ण, थ, पे, रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी नाम से शुरू होने वाले लोग मित्रता निभाएंगे।

अब हम बात करेंगे उनके शत्रुओं की।
इनकी मेष, कर्क, सिंह व वृश्चिक राशि वालों के साथ शत्रुता रहती है या हमेशा झगड़े चला करते हैं। कुंभ राशि के लोगों के मित्रों में गुप्त शत्रु अधिक होते हैं। तो वहीं भीतर घात और गुप्त शत्रु के रूप में
चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ, ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
हैं। मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे, तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू अक्षर के लोग सहज भाव से जन्म नक्षत्र के अनुसार निश्चय ही शत्रुता निभाएंगे।

इसी तरह यदि टंकराम के मित्रों को देखा जाए तो मिथुन, कन्या, मकर तथा कुंभ राशि के लोगों से अच्छी मित्रता रहती है।
क’, ‘छ’ और ‘घ’ टो, ताऊ, पा, फा, पी, पी, फी, पू, पू, फु, श, आना, अने, ण, थ, पे, पे, फा, पो, पौ, फो, भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी, गू, गू, घु, गी, गे, घे, गो, गौ, घो, सा, शा, सी, सी, शि, शी, सू, सू, शू, शू, से , शा, सो, थानेदार, और दा होंगे जबकि उनके शत्रु मेष राशि के साथ विरोध आकर्षण होता है। कर्क तथा सिंह राशि से सहज ही में शत्रुता हो जाया करती है।
चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ, ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो है, मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे है।

इस तरह याद देखा जाए तो दोनों के बीच यह भेद कर पाना काफी कठिन होगा की कौन इनका साथ देगा और कौन इनके साथ धोखाधड़ी करेगा यदि सावधानीपूर्वक अध्ययन कर सतर्क रहते हुए काम करते हैं तो दोनों जातकों में ज्यादा सावधान रहने वाले को सफलता निश्चित मिलेगी। किंतु कांटे की टक्कर रहेगी अधिक मतों का अंतर नहीं होगा।

इस समय कुंभ राशि में शनि के प्रवेश के कारण राजयोग बना रहा है यदि इसे देखा जाए तो शैलेश का राजयोग प्रबल है क्योंकि शनि उतार पर है।

वह तुला राशि में त्रियोग होने के कारण काफी उतार-चढ़ाव झेलने पड़ेंगे आर्थिक समस्या भी रहेगी किंतु तुला राशि वाले अपने हिम्मत हौसले से सब कुछ प्राप्त कर लेते हैं सारी मुश्किलों को पार कर जाते हैं।
दोनों प्रत्याशियों के बीच जीत का अंतर बहुत कम वोटो का रहेगा क्योंकि लगभग एक समान स्वभाव वाले दो नक्षत्र मैदान में जनता के बीच में है।

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