रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड के ऊपर बड़ी कार्रवाई की है. आरबीआई ने नन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनिज से संबंधित कुछ नियमों का पालन नहीं करने पर एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड पर 2.5 करोड़ रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया है. वहीं, इस मामले में आरबीआई कहा है कि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले काफी गहनता से जांच की गई. लेकिन रिपोर्ट आने के बाद खुलासा हुआ कि एनबीएफसी ने अपने खुदरा कर्जदारों को लोन एप्लीकेशन फॉर्म/ अप्रूवल लेटर में कई कटेगरी के उधारकर्ताओं से अलग-अलग ब्याज दरें वसूलने के रिस्क क्लासिफिकेशन और जस्टिफिकेशन का खुलासा नहीं किया.
खास बात यह है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा है कि एनबीएफसी ने अपने कर्जदारों से लोन अप्रूवल के समय बताई गई पेनल इंटरेस्ट रेट से ज्यादा ब्याज दरें वसूली हैं. साथ ही उसने अपने ग्राहकों को ब्याज दर में बदलाव करने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. यही वजह है कि इसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई. साथ ही बायन में आरबीआई ने कहा है कि इस मामले में कंपनी को नोटिस भी दिया गया था. नोटिस के जवाब में एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड ने अपना पक्ष सही तरह से नहीं रख पाया. साथ ही उसके ऊपर लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए. ऐसे में आरबीआई ने एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड पर आर्थिक जुर्माना लगाने का फैसला किया.
दुनिया की टॉप-5 कंस्ट्रक्शन कंपनियों में होती है गिनती
बता दें कि एलएंडटी का पूरा नाम मलार्सन एंड टुब्रो है. यह कंपनी आयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर रही है, जिसे 1000 साल तक कोई आंधी-तूफान या भूकंप-बाढ़ हिला नहीं पाएगा. खास बात यह है कि इसी कंपनी ने गुजरात में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्टेच्यू ऑफ यूनिटी जैसे प्रोजेक्ट के ऊपर भी काम किया है. आज इसकी गिनती दुनिया की टॉप-5 कंस्ट्रक्शन कंपनियों में होती है.
इन सेक्टरों में भी करती है काम
एलएंडटी 80 साल पुरानी एक इंडियन मल्टीनेशनल कंपनी है. इसका मुख्यालय मुंबई में है. अभी ये दुनिया के 30 से ज्यादा देशों में कंस्ट्रक्शन का काम कर रही है. इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन के अलावा एलएंडटी इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल सर्विसेस जैसे सेक्टर में भी काम करती है.
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