नवरात्रि के पावन पर्व का समापन दशमी तिथि के दिन मां दुर्गा के विसर्जन के साथ होता है, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, वहीं इस दिन दशहरे का त्योहार भी बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है, जिसकी वजह इस दिन को दशहरा भी कहा जाता है, लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि एक ही दिन मनाया जाने वाला दोनों त्योहार एक नहीं बल्कि अलग-अलग होता है। अगर आपको भी लगता है कि विजयदशमी और दशहरा एक ही है, तो यहां जानिये दोनों के बीच क्या अंतर है।
कब मनाई जाती है विजयदशमी और दशहरा'
हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयदशमी और दशहरे का त्योहार बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा के विसर्जन के साथ-साथ नवरात्रि का समापन होता है और इसी दिन रावण का दहन भी किया जाता है। दोनों त्योहार एक ही दिन पड़ने की वजह से लोगों को लगता है कि ये दोनों एक हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। ये दोनों त्योहार अलग है और इनका महत्व भी अलग है। आइए जानते हैं विजयदशमी और दशहरे के बीच क्या अंतर है।
विजयदशमी और दशहरा के बीच क्या अंतर है'
क्या है विजयदशमी की कथा'
पौराणिक कथा के मुताबिक जब महिषासुर नाम के एक राक्षस ने धरती से लेकर स्वर्गलोक तक अपने अत्याचार से हर तरफ हाहाकार मचा रखा था, तब देवी दुर्गा ने महिषासुर और उसकी सेना के साथ 9 दिनों तक युद्ध किया और दशमी तिथि के दिन उसका वध कर दिया था। दुर्गा की इस विजय को विजयदशमी का नाम दिया गया है।
क्या है दशहरे की कथा'
वहीं दशहरे की पौराणिक कथा के मुताबिक इस दिन श्री राम ने रावण का वध किया था। राम जी ने 9 दिनों तक मां दुर्गा की अराधना करने के बाद दशमी के दिन रावण का वध किया था और इस तरह बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी। इसीलिए नवरात्रि के नौ दिन तक रामलीला का आयोजन किया जाता है और दसवें दिन रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले का जलाया जाता है।
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