रायपुर : चावल घोटाला मामले में पिछले दिनों ईडी ने रायपुर समेत प्रदेशभर के राइस मिलर और मार्कफेड के अफसरों के 10 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापा मारकर अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। अब तक की पड़ताल में ईडी के अधिकारियों ने पाया है कि हवाला के माध्यम से चावल कारोबारियों ने कालाधन खपाया है। ईडी ने लेन-देन करने की जानकारी हासिल कर ली है। हवाला किन लोगों के साथ और कैसे किया गया, फिलहाल इसकी जांच चल रही है। आने वाले दिनों में हवाला कारोबारियों के साथ ही कुछ और अफसरों के यहां भी दबिश देने की तैयारी है।
ईडी के जानकार सूत्र बताते हैं कि एक-दो दिनों के भीतर कुछ चावल कारोबारियों के साथ अधिकारियों की गिरफ्तारी भी की जा सकती है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2017 से 2023 के बीच करीब 125 करोड़ के चावल का घपला हुआ था। राइस मिलर, ट्रांसपोर्टरों के साथ नान, मार्कफेड के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशन दुकानों का पीडीएस चावल खुले बाजार में बेचा गया था।
जांच एजेंसी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के कई जिलों की करीब 13,415 राशन दुकानों से पांच साल में 12.50 लाख टन से ज्यादा चावल खुले बाजार में बेचा गया है। चावल की अफरा-तफरी में ईडी के निशाने पर 12 से अधिक नान, मार्कफेड के अफसरों के अलावा राइस मिलर, ट्रांसपोर्टर आए हैं।
कहा जा रहा है कि एक-एक करके इन सभी से विस्तृत पूछताछ के बाद ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी। ईडी ने 20 अक्टूबर को प्रदेशभर के राइस मिलर, ट्रांसपोर्टर और कुछ मार्कफेड के जिला अधिकारियों के 24 ठिकानों पर छापा मारते हुए दस्तावेजी साक्ष्य जब्त किए हैं।
ईडी की अलग-अलग टीमों ने राइस मिलर के ठिकानों पर छापेमारी में जब्त पीडीएस के चावल से संबंधित कई अहम दस्तावेजों, बोगस बिलिंग, चावल के परिवहन के साथ ही कस्टम मिलिंग और वर्क आर्डर की जांच शुरू की है। रायपुर के तिल्दा, नवापारा राजिम, धमतरी के कुरुद, दुर्ग, महासमुंद, कोरबा और कटघोरा स्थित ठिकानों पर की गई छापेमारी की भी जांच की जा रही है। यही नहीं, ईडी ने 13 राइस मिलर, तीन ट्रांसपोर्टरों के साथ उनके करीबियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है। इन सभी को 25 अक्टूबर के बाद ईडी दफ्तर में आकर बयान दर्ज कराने को कहा गया है।
घालमेल के दस्तावेज मिले जांच के दौरान ईडी की टीम को चावल में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के दस्तावेज मिले हैं, जिसमें अफसर, राइस मिलरों के साथ ही ट्रांसपोर्टर और अन्य लोगों के मिलीभगत की बात सामने आई है। लिहाजा सभी के भूमिका की जांच की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि तिल्दा के एक बड़े राइस मिलर को ईडी ने रडार पर लिया है। कोरबा में ईडी की टीम ने छापे की कार्रवाई में मिले इनपुट के आधार पर ही कटघोरा के दो, गोबरा नवापारा के एक राइस मिलर के यहां छापा मारा था। जिन ट्रांसपोर्टरों के यहां ईडी ने छापे की कार्रवाई की थी, वहां की जांच पूरी कर ली गई है।
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