कोर्ट में पेश नहीं हुए दोनों विधायक समेत नौ आरोपित, अब इस दिन होगी सुनवाई

कोर्ट में पेश नहीं हुए दोनों विधायक समेत नौ आरोपित, अब इस दिन होगी सुनवाई

रायपुर  :  प्रदेश में करीब 540 करोड़ के कोयला घोटाला मामले में आरोपित बनाए गए कांग्रेस के दो विधायकों देवेंद्र यादव, चंद्रदेव राय समेत नौ लोग बुधवार को रायपुर की विशेष अदालत में पेश नहीं हुए। इन्हें अदालत से अग्रिम जमानत लेनी थी। इस पर रायपुर की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने इन सभी को नए सिरे से नोटिस जारी करने का आदेश है। मामले की अगली सुनवाई छह दिसंबर को होगी।

ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि कोल घोटाला और मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित राजेश चौधरी जो जमानत पर हैं, उन्हें छोड़कर कोई अन्य विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट पेश नहीं हुआ। न्यायालय ने सभी को पुन: नोटिस देने के लिए आदेशित किया है। इस मामले के आरोपितों में रजनीकांत तिवारी और रामप्रताप सिंह को नोटिस बिना तामील किए वापस हो गए थे, वहीं अनुराग चौरसिया, कैलाश तिवारी और पीयूष साहू को नोटिस की तामील की जा चुकी है। पिछले महीने चतुर्थ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में मामले में दूसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था, जिसमें कांग्रेस विधायक देवेंद्र सिंह यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय, आइएएस रानू साहू, विनोद तिवारी, रोशन कुमार सिंह, मनीष उपाध्याय, नवनीत तिवारी, नरवन साहू समेत 11 लोगों को आरोपित के तौर पर नामजद किया है। इनमें रानू साहू और निखिल चंद्राकर पहले से ही जेल में हैं। रानू साहू को 22 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। बाकी के नौ आरोपितों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

ईडी के वकील सौरव पांडेय ने बताया कि इस केस के अन्य आरोपितों के खिलाफ अदालती समन तामील करने की सर्विस रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। बाकी आरोपितों को नए सिरे से नोटिस जारी करने का आदेश अदालत ने दिया है। इसके बाद दोनों विधायकों समेत 11 आरोपितों के खिलाफ नया नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

कोयला घोटाला मामले में ईडी की कार्रवाई छत्तीसगढ़ में लगातार जारी है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इस मामले में अब तक दो आरोप पत्र दायर किए हैं। अब तक राज्य सरकार की एक अधिकारी के अलावा आइएएस रानू साहू, समीर विश्नोई समेत नौ लोगों को ईडी ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसके अलावा जेल में बंद कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को ईडी इस केस में मुख्य आरोपित मान रही है। उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी भी इसमें शामिल हैं।

कोयला घोटाले की जांच में कई बड़े राजफाश हुए हैं। ईडी का दावा है कि प्रदेश में करीब 540 करोड़ रुपये का कोयला घोटाला हुआ है। इस पैसे का उपयोग राजनीतिक खर्च, बेनामी संपत्तियों को बनाने और अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया गया है। ईडी ने अपनी जांच में यह भी कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोल लेवी के लिए अधिकारियों, व्यापारियों और राजनेताओं का एक कार्टेल था, जो कोयला परिवहन के जरिए प्रति टन 25 रुपये की वसूली में शामिल था। प्रदेश में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली की जा रही थी।

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