इस दिन मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

इस दिन मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग गंगा स्नान करते हैं। इसके साथ ही जप-तप और दान भी होते हैं। किसी विशेष कार्य में सफलता पाने के लिए भक्त पूर्णिमा के दिन भी भगवान विष्णु का व्रत करते हैं। इसके अलावा पूर्णिमा तिथि पर श्री सत्यनारायण पूजा भी की जाती है। सभी प्रकार से पूर्णिमा तिथि शुभ है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में चल रही समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है।

हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को है। चंद्र ग्रहण, शरद पूर्णिमा तिथि पर ही लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक भी माना जाएगा।

पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को सुबह 4.17 बजे (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) शुरू होगी और अगले दिन 29 अक्टूबर को रात 1.53 बजे समाप्त होगी।

इस दिन ब्रह्म बेला में उठकर सबसे पहले भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रणाम करें। घर की सफाई करे। नित्यकर्म से निवृत्त होकर गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। यदि सुविधाजनक हो, तो पवित्र नदी में स्नान करें। अब आचमन करके स्वयं को शुद्ध कर लें। नए कपड़े पहनें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं। पूर्णिमा के दिन तिलांजलि भी दी जाती है। इसलिए जल की धारा में तिल प्रवाहित करें। इसके बाद पंचोपचार करके भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें। भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है। इसलिए पीले फल, फूल और वस्त्र अर्पित करें। पूजा के दौरान विष्णु चालीसा का पाठ करें और मंत्रों का जाप करें। अंत में आरती करके पूजा संपन्न करें। अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें।

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