गोलू कैवर्त ब्यूरो हेड बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने कसडोल विधानसभा में जो प्रत्याशी मैदान में उतारा है उसका विरोध कांग्रेस पार्टी के अंदर औऱ बाहर दोनो तरफ से जोरदार हो रहा है।जिसका ताजा उदाहरण शुक्रवार27 अक्टूबर को विमल कुमार साहू युवा कांग्रेस नेता, कांग्रेस कमेटी जिला महामंत्री बलौदाबाजार के नेतृत्व में कांग्रेस मुख्यालय के सामने सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए पैराशूट प्रत्याशी भगाओ कसडोल बचाओ के नारे के साथ हुंकार भरी।विमल साहू ने वरिष्ठ पत्रकार गोलू कैवर्त से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने ही नियम को तोड़ते हुए दिखाई दे रही है जिन्होंने न ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, जिला कांग्रेस कमेटी और ना ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी में फॉर्म भरा न किसी भी सर्वे में है नाम है वहां की स्थानीय निवासी भी नही हैं, पैरासूट प्रत्याशी बनाया गया आम कार्यकर्ताओं के लिए निराशाजनक , आम जनमानस और सबका कहना है कि किसी स्थानीय व्यक्ति और जो फॉर्म डाला हो उन्हें में से दिया जाता बाहरी लोगों को नहीं।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव विमल साहू ने आगे रोते हुए कहा कि यह चार लाख जनता के साथ धोखा है यह आम कार्यकर्ता और कसडोल के साथ धोखा है, 366000 मतदाता में से किसी को भी टिकट दिया जाता तो दुख नहीं होता जितना पैराशूट प्रत्याशी को देने पर हो रहा है सभी लोग दुखी है और मेरे से संपर्क कर रहे हैं तो रो रहे हैं मुझे भी रोना आ रहा है मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं , जिसने भी मेरी राजनीतिक हत्या की है और कसडोल की जनता के साथ धोखा किया है उन सबकी आह उस व्यक्ति को जरूर लगेगी जिन्होंने इस तरह धोखा देने का काम कसडोल की जनता से किया।
मैं पार्टी कार्यकर्ता हूं पार्टी का काम करूंगा,करते रहूंगा की बात कहा।विदित हो कि कसडोल विधानसभा छत्तीसगढ़ का सबसे धड़कन बढ़ाने वाला सीट कहलाता है ऐसे में किसी पार्टी के उम्मीदवार का विरोध चुनाव पूर्व जोर शोर से होना सही संकेत नहीं कहा जा सकता है, विरोध का भरपाई पार्टी को नुकसान से भी चुकाना न पड़े इसके लिए भी आला कमान को पुनः मंथन करने की अपील कांग्रेस पार्टी कसडोल के लगभग सैकड़ों वरिष्ठ कार्यकर्ताओ ने किये हैं।अब देखना यही होगा कि आला कमान पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओ की अपील एवं आवाज को किस रूप में लेते हैं।फिलहाल कसडोल विधानसभा में कांग्रेस उम्मीदवार का आसानी से चुनाव जीतने का राह आसान नहीं लग रहा है।कांग्रेस पार्टी के लिए कसडोल विधानसभा में भितरघात का खतरा सबसे ज्यादा प्रबल दिख रहा है जिसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है वहीं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध को भाजपा आग में घी डालने के रूप में लेने से परहेज नहीं करेगा! वैसे बात करें कसडोल विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की तो लगभग 50 से ऊपर उम्मीदवारो ने दावेदारी किये थे जिसमें से एक भी स्थानीय प्रत्याशी पर कांग्रेस ने भरोसा नहीं जताकर बाहरी प्रत्याशी कहे जा रहे संदीप साहू पर दांव खेलकर स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विरोध जताने का मौका दे दिये हैं।ऐसे में क्या कांग्रेस कसडोल सीट निकाल पाएगा बहुत बड़ा संस्पेंस निर्मित हो गया है।फिलहाल अभी तक के रिपोर्ट पर नजर डाला जाए तो कांग्रेस पार्टी अपने ही कार्यकर्ताओं के कोप भाजन का शिकार होता हुआ दिख रहा है।विपक्ष इस विरोध को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा ऐसा सूत्रों का भी कहना है।
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