गाजा में इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित हो गया. इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 देशों ने वोट किया जबकि 14 देशों ने इसके खिलाफ वोटिंग की. वहीं, भारत-ब्रिटेन समेत 45 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. बता दें कि यह प्रस्ताव जॉर्डन की तरफ से पेश किया गया था. बड़ी बात यह है कि अमेरिका समेत 14 देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया.
इजराइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है और इस अधिकार का एहसास यह सुनिश्चित करना है कि इस तरह के अत्याचार कभी नहीं दोहराए जाएं और यह तभी सुनिश्चित होगा जब हमास का पूरी तरह से खात्मा हो जाए.
अलजजीरा के मुताबिक, कतर की मध्यस्थता में इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम और प्रीजनर स्वैप एग्रीमेंट पर बातचीत हो रही है. इसके पहले ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन 26 अक्टूबर को न्यूयॉर्क में यूएन जनरल असेंबली में कहा था- हमास बंधकों को छोड़ने के लिए तैयार है. लेकिन फिर पूरी दुनिया को इजराइल की जेलों में बंद 6 हजार फिलिस्तीनियों की रिहाई का समर्थन करना चाहिए.
ये है पूरा विवाद
दोनों देशों के बीच ये विवाद सालों से चला आ रहा है. यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद जारी है. फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है. वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है. गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है. यहां फिलहाल हमास का कब्जा है. ये इजराइल विरोधी समूह है. सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी. 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए. फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो.

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