रायगढ़ : आचार संहिता लगने के बाद बस चालकों और यात्रियों को भी इसके कारण असुविधा हो रही है। राज्य की अंतिम सीमा होने के कारण शराब और गांजा की तस्करी होने के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों की जांच भी चेक पोस्ट और बैरियर पर की जा रही है। ऐसे में कुछ-कुछ स्थानों पर बसों को रोककर यात्रियों के बैग को भी खुलवाकर जांच किया जा रहा है। जिस कारण बस चालक ज्यादा भारी सामानों को बस पर लोड करने से भी इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि बस पर जितना सामान लोड होगा उतना अधिक समय चेकिंग में लगेगा।
रायगढ़ जिला छत्तीसगढ़ का अंतिम छोर है इसलिए यहां तस्करी के ज्यादातर मामले देखे जाते हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए जिले में खनिज बैरियर समेत कल 20 चेक पोस्ट संचालित है। इसके अलावा दूसरे जिलों में भी चेक पोस्ट बनाए गए हैं। रायगढ़ केवड़ा बाड़ी बस स्टैंड में इन दिनों बस संचालकों द्वारा सामानों का परिवहन पहले से लगभग आधा कर दिया गया है। जिससे यात्रियों को अपने साथ सीमित सामान ले जाना पड़ रहा है। बस चालक यात्रियों को अधिक सामान लेकर आने पर बैठाने से इंकार कर रहे हैं। इस विषय में पूछने पर बस चालकों का कहना है कि जगह-जगह जांच के लिए चेक पोस्ट बनाए गए हैं। जहां रोक कर बस के भीतर पुलिस और निर्वाचन आयोग के लोग जांच कर रहे हैं। ऐसे में बस अपने निर्धारित समय पर नहीं पहुंच पा रही है।
खराब सड़क होने के कारण वैसे ही डीजल और समय का काफी नुकसान होता है ऐसे में सीतापुर, बतौली, बंगाली चेक पोस्ट पर जांच में लगने वाला समय और विलंब कर रहा है। जिसे ध्यान में रखते हुए सीमित सामान के साथ ही सवारियों को लाने ले जाने का काम किया जा रहा है। लंबी दूरी वाली बसों में त्यौहारी सीजन के कारण काफी भीड़ चल रही है। ऐसे में जांच व समस्या से बचने के लिए बस चालक मुख्य मार्ग को छोड़कर ग्रामीण इलाकों से चोरी छुपे बस का परिवहन कर रहे हैं। जिससे वह चेकिंग और खराब मार्ग दोनों से बच सकें।
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