जिले में अवैध कारोबार अपनी चरम सीमा पर

जिले में अवैध कारोबार अपनी चरम सीमा पर

वन संपदा, खनिज संपदा, अवैध शराब,नशीली दवाई जैसे अवैध कारोबारी पर विशेष कार्यवाही की जरूरत


बलौदाबाजार  : खनन विभाग व वन विभाग की निष्क्रियता से जिला पुलिस पर वर्क लोड बढ़ गया है इससे पुलिस विभाग की परेशानी बढ़ गई है. इन्हीं विभागों की निष्क्रियता की वजह से पुलिस विभाग पर भी दूसरे विभाग से संबंधित संचालित गलत व अवैध कारोबार को लेकर दाग लग रहे है. अगर सभी विभाग अपना-अपना कार्य सक्रिय होकर करने लगे तो किसी भी विभाग पर अतिरिक्त बोझ नहीं पडे़गा. सब कार्य आसानी से होगा और जनता भी परेशान नहीं होगी।

खनन विभाग जैसी स्थिति वन विभाग का भी है

अवैध बालू का खनन होते हुए सबसे बड़ा सवाल है कि जब जिले के तमाम बालू घाट बंद है तो जिले में लगातार विकास योजनाएं जैसे सड़क, पुल-पुलिया, भवन आदि की निविदा अरबों रुपये का क्यों हो रही है।अगर निविदा व विकास कार्य हो भी रहा है तो बालू कहां से आ रहा है. संदेह है कि एमबी बूक बिना चलान के कैसे हो रहा है।निविदा के इस्टिमेट में बालू, गिट्टी, ईट कितने दूरी से उपलब्ध होगा उसका उल्लेख होता है. ऐसे में बालू के लिये कितनी दूरी का उल्लेख हो रहा है. यह सारा मामला विवादों में निरंतर रह रहा है।

एक-दो चेकनाका लगा किया जा रहा कोरम पूरा

उल्लेखनीय है कि जिला खनन विभाग की जिम्मेदारी है कि वह लौह, मैगनीज, गिट्टी-पत्थर, बालू आदि तमाम खनिज सम्पदाओं से जुड़ी अवैध कारोबार के खिलाफ निरंतर कार्रवाई कर उसे रोके. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि उनके अधिकारी व कर्मचारी वातानुकूलित कमरे से बाहर निकलते हीं नहीं है. एक-दो चेकनाका लगा सिर्फ कौरम पूरा किया जा रहा है. जबकि सच्चाई यह है कि जिले के लगभग तमाम बालू घाटों, गिट्टी खदानों से अवैध तस्करी व ओवर लोड कर सम्पदाओं को भेजा जा रहा है. एक चलान से तिथि व नम्बर बदल कर कई वाहनों को पार किया जा रहा है. इसे देखने व जांच करने वाला खनन विभाग का कोई अधिकारी क्षेत्र में नहीं दिखता. अवैध बालू घाटों पर छापेमारी तक नहीं कि जाती. यह कार्य वर्षों से जारी है. पुलिस को वैद्य-अवैध चलान की अधिक जानकारी नहीं होती।

प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की

दर्जनों फर्नीचर उद्योग खुलेआम जिले में चल रहे है 
 वन विभाग सिर्फ ठेकेदारी कार्य अर्थात विभागीय स्तर से संचालित योजनाओं का ठेकेदार बन कार्य कराने व पैसा की बंदरबांट में लगी है. इससे विभाग में आपसी गुटबाजी चरम पर है. इसी का फायदा लकड़ी माफिया उठाते हुये जिले में दर्जनों फर्नीचर उद्योग खुलेआम चल रहा है. लकड़ी तस्करी को रोकने के लिये कोई कार्रवाई नजर पड़ रही है।

अवैध शराब का कारोबार फलफूल रहा

उत्पाद विभाग भी अवैध शराब कारोबार को रोकने में निरंतर असफल साबित हो रहा है. इसके खिलाफ भी पुलिस जंगलों में संचालित शराब की अवैध भठ्ठियों को तोड़ने व अवैध अंग्रेजी शराब के कारोबार को खिलाफ निरंतर कार्रवाई कर रही है।जिला पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती शांति व्यवस्था के साथ चुनाव संपन्न कराना काफी चुनौती भरा है. जिले में अवैध कारोबार जिनकी कार्यवाही का पूरा जिम्मा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष पुलिस की है चरम पर है.  अंध विश्वास, डायन प्रथा, राजनीतिक व साम्प्रदायिक झगड़े, छोटे-बडे़ अपराधी व उनके अपराध, लूट, चोरी, घरेलू हिंसा, राजनीतिक कार्यक्रम, भूमि विवाद आदि तमाम प्रकार के अपराधिक घटनाओं को न सिर्फ रोकना, बल्कि अपराधियों को गिरफ्तार तथा अनुसंधान कर सही समय पर न्यायालय में भेजना है. सभी कार्यों में असफलता का सीधा आरोप पुलिस पर हीं लगती है. क्योंकि जनता को अब बाकी विभागों पर भरोसा नहीं रह गया है. पुलिस हथियार से लैश है इसलिये जनता को उम्मीद रहती है कि सभी समस्याओं का समाधान पुलिस हीं को करना है।

यहीं कारण है कि सबसे ज्यादा आरोप व दाग भी पुलिस के उपर लगता है। जिले में और ऐसे कई सारे अवैध कारोबार कई माफियाओं के द्वारा किया जा रहा है जिन पर जिला प्रशासन को अंकुश लगाने की जरूरत है तथा अभी निर्वाचन की प्रक्रिया अधिकारियों के द्वारा निरंतर की जा रही है इस वजह से भी माफियाओं का कर लुप लाइन में कहर जारी है जबकि अभी वर्तमान में 9/10/2023 से आचार संहिता लगा हुआ है और आचार संहिता में भी इस तरह की लगातार अवैध कारोबार जारी है जिस पर जिलाधीश ने सभी आम जनमानस से अपील की है कि वह आचार संहिता के नियम के दायरे में रहे तथा हर वर्ग विशेष के साथ जनप्रतिनिधियों,मीडिया बन्धुओं,अधिकारी वर्ग, संबंधित विभाग के साथ सभी लोगों को अपील भी किए हैं कि सभी नियमों का पालन करते रहे मगर कहीं ना कहीं पर अभी भी कुछ-कुछ यह कारोबार जारी है और निर्वाचन कार्य प्रणाली में अधिकारी ड्यूटी पर तैनात है लिहाजा इन्ही कई बातों का फायदा उठाते हुए इस तरह का कारोबार हो रहा हो,इन सभी विषयों पर उच्च अधिकारियों से चर्चा करने के पश्चात खबर पुनः प्रकाशन की जाएगी...

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