रायगढ़ : मतदान की तिथि में अभी कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। भाजपा और कांगे्रस के नेता अपने-अपने घोषणा पत्र से आम जनता को लुभाने डोर टू डोर दस्तक दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश नायक के खिलाफ रायगढ़ विभानसभा के कई गांव में ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है जिसका खामियाजा इस बार प्रकाश नायक को चुनाव में अवश्य उठाना पड़ सकता है। यूं तो रायगढ़ विधानभा में इस बार चुनाव बेहद ही रोमांचक होनें वाला है। चंूकि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा के ओपी चैधरी, कांगे्रस के प्रकाश नायक के अलावा भाजपा के बागी चुनाव गोपिका गुप्ता, कांगे्रस से शंकरलाल अग्रवाल एवं आम आदमी पार्टी से गोपाल बापोडिया, जनता कांगे्रस से जोगी से मधुबाई चुनावी मैदान में है और इन सभी नामों से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग परिचित हैं। परंतु इस बार के चुनाव में सबसे अधिक नुकसान इस बार कांगे्रस प्रत्याशी प्रकाश नायक को उठाना पड़ सकता है।
एक तरफ जहां कांग्रेस के ही बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे शंकरलाल अग्रवाल उनका वोट काटेंगे साथ ही साथ प्रकाश शक्राजीत नायक ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता का वोट पाने रायगढ़ विधानसभा में जो घोषणा किये थे उनके से अधिकांश वादे उन्होंने पूरा किया ही नही है। इतना ही नही शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीणों को पूरे पांच सालों से मूलभूत समस्या सड़क, बिजली पानी से जूझना पड़ा है। गांव के ग्रामीणों के द्वारा अपनी फरियाद लेकर कई बार प्रकाश से मुलाकात भी की गई परंतु इसके बावजूद उनकी समस्या का कोई समाधान नही हो सका। जिससे गांव के ग्रामीणों में अब आक्रोश देखा जा रहा है और वे इस बार के चुनाव में प्रकाश नायक को सबक सिखाने के मूड में है और इसका खामियाजा कांगे्रस पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
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