बिलासपुर : बसपा सुप्रीमों मायावती ने छत्तीसगढ़ में एक बार फिर दलित,आदिवासी व पिछड़ा वर्ग कार्ड खेली। जातिगत आरक्षण के कांग्रेस सहयोगी दलों के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ ही भाजपा व सहयोगी दलों को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। मंडल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण व्यवस्था को लागू करने का आरोप लगाई। 30 मिनट के अपने भाषण में मायावती अधिकांश समय दलित,आदिवासी व पिछड़ा वर्ग की बात करती रहीं। केंद्र के साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने से भी नहीं चूकी।
बसपा सुप्रीमों मायावती की छत्तीसगढ़ में गुरुवार को दो चुनावी सभा थी। जांजगीर-चांपा जिले के हसौद में सभा को संबोधित करने के बाद बिलासपुर के साइंस कालेज मैदान में सभा ली। उनका पूरा फोकस दलितों के साथ आदिवासी व पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक पर रहा। 25 मिनट के अपने भाषण के दौरान एक दर्जन से अधिक बार इसका जिक्र किया और बसपा को इन वर्गों की हितैषी पार्टी के रूप में पेश किया। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा गठबंधन व छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को जमकर घेरा। कांग्रेस और आइएनडीआइए गठबंधन के जातिगत जनगणना के मुद्दे की हवा निकालते हुए कहा कि आरक्षण जैसे ज्वलंत मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों गंभीर नहीं है। मंडल कमीशन की रिपोर्ट पर दोनों ही दलों की सरकार ने काम नहीं किया। आरक्षित वर्ग की हितों की अनदेखी की। मंडल कमीशन की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री बीपी सिंह की सरकार ने ईमानदारी के साथ काम किया। बीपी सिंह सरकार का उदाहरण पेश करते हुए उन्होंने कांग्रेस व भाजपा को दलित,आदिवासी व पिछड़ा वर्ग का विरोधी करार देने की भरपूर कोशिश की। आरक्षण व्यवस्था के बहाने वर्ग विशेष को साधने की कोशिश की।
प्रदेश भाजपा की मोदी की गारंटी व कांग्रेेस है तो भरोसा की हवा भी निकाली। घोषणा व गारंटी की बजाय बहुजन समाज पार्टी काम पर भरोसा करती है। झूठे वायदे हम नहीं करते। यूपी में हमने गरीब व बेरोजगारों को दूसरी पार्टियों की तरह मामूली बेरोजगारी भत्ता ना देकर सरकार व निजी संस्थानों में नौकरी दिलाई है। गरीबों को खेती करने के लिए फ्री में जमीन दी है। आावासहीनों को फ्री में मकान दिलाया है।
0 केंद्र सरकार की महिला वंदन विधेयक पर कहा-महिलाओं को 33 फीसद आरक्ष्ण तो दिया पर इसमें अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग की महिलाओं की उपेक्षा कर दी है।
0 छत्तीसगढ़ में सट्टेबाजी चरम पर है। इसमें मुख्यमंत्री की संलिप्तता की खबर भी आए दिन आती रहती है।
जातिगत जनगणना पर उठाई सवाल
कांग्रेस के जातिगत जनगणना के मुद्दे पर आरक्षण व्यवस्था को लेकर सवाल उठाई। मायावती ने कहा कि जब जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित वर्ग के लोगों को सुविधा ही नहीं देना है तो इस तरह की जनगणना का अर्थ क्या है। प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में क्या चल रहा है यह सबको पता है। दलित,आदिवासी,पिछड़ा वर्ग और गरीबों के उत्थान को लेकर काम नहीं हो रहा है। चंद पूंजीपत व धन्ना सेठों का विकास हो रहा है। नाम लेने की जरुरत नहीं है। कांग्रेस और भाजपा ने दलित और पिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया।देश में बसपा ही ऐसी पार्टी है जो पूंजी पतियों के धन से नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं के सहयोग से ही चुनाव लड़ती है और सत्ता में आने के बाद बिना किसी दबाव के काम करती है।
दलितों,आदिवासी व ओबीसी को इस अंदाज में साधा
0 केंद्र व राज्यों में विरोधी पार्टियों की सरकार रही है। इन सरकारों ने दलित आदिवासियों की चितां नहीं की। गरीबों मजदूरों व किसानों की परवाह नहीं की। विकास किया और ना ही इनका उत्थान हुआ।
0 जिस वर्ग के लिए संविधान में व्यवस्था की गई है वर्ग विशेष को लाभ नहीं मिल रहा है। संविधान प्रदत्त कानूनी अधिकार से लोग आज भी वंचित है। अगर इस वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए केंद्र की सरकार ईमानदारी पूर्वक काम किया होता तो ना ही बसपा बनाने की जरुरत पड़ती और ना ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का जन्म होता।
0 लंबे अरसे तक कांग्रेस पावर में रही,बहुत सी पार्टियां रही है केंद्र में। दुख की बात ये है कि सभी विराेधी पार्टियों की सरकारों ने दलितों आदिवासियों पिछड़े वर्गों मुस्लिम व अल्पसंख्यक वर्ग का विकास में योगदान नहीं दिया और ना ही ध्यान दिया है।-
0 सरकारी नौकरी में आरक्षण की जो सुविधा मिली है यह उनका बाबा साहेब का ही देन है। आरक्षण को विरोधी पार्टी धीरे-धीरे खत्म करने की कोशिश कर रही है। अधिकांश राज्यों में भी लंबे समय तक
पिछले कुछ वर्षों से केंद्र में भाजपा व अन्य विरोधी दलों की सरकार ने आरक्षण का कोटा जारी नहीं किया है। छत्तीसगढ़ में भी कुछ इसी तरह की स्थिति देखने को मिल रही है। निजी संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए।
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