आपने देखा होगा कि दिवाली में ताश खेलने का चलन है, लोग अपने दोस्तों और घर वालों के साथ बैठकर ताश खेलते हैं इसे रीति-रिवाज का हिस्सा भी माना जाता है. पर आपको पता है की इसके पीछे क्या कहानी है ? तो चलिए हम आपको बताते है...
पौराणिक कथा के अनुसार, दीपावली की रात जुआ खेलना इसलिए शुभ है क्योंकि कार्तिक मास की इस रात को भगवान शिव और माता पार्वती ने चौसर खेला था. जिसमें भगवान शिव हार गए थे. तभी से दिवाली की रात जुआ खेलने की परंपरा जुड़ गई. लेकिन, इसका कहीं वर्णन नहीं है.
साथ ही दिवाली की रात को शगुन की रात मानी जाती है, मान्यता है कि इस रात जुए में जो जीतता है, उसका भाग्य सालभर चमकता रहता है.
वैसे तो दिवाली में जुआ खेलना शुभ है, लेकिन जुआ अगर पैसा लगाकर खेला जाए तो उसको अशुभ माना जाता है.
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