पूरा भारत जहां 12 नवंबर यानि आज दिवाली का त्योहार मनाना रहा है, वहीं देश में एक जगह ऐसी भी है जहां दिवाली का त्योहार एक हफ्ते पहले की मनाया जा चुका है। यकीनन ही ये सुनने के बाद आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन ये बात शत प्रतिशत सच है। हम बात कर रहे है छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के सेमरा गांव की। ये भारत का एक ऐसा गांव है जो दिवाली समेत सभी त्योहार देश के साथ नहीं बल्कि उससे पहले ही मना लेता है। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी ने गांव के इस नियम तोड़ने की कोशिश की तो उसे अभिशाप मिल जाएगा।
एक हफ्ते पहले मनाए जाते हैं प्रमुख त्योहार
सेमरा गांव में लोग दिवाली से एक हफ्ते पहले ही अपने घर पर रंगोली सजाने से लेकर अपने इष्ट की पूजा करने और अच्छे पकवान बनाने तक सारा काम कर लेते हैं। सिर्फ दिवाली पर ही नहीं ये गांव देश के बाकी सभी होली, हरेली और पोला जैसे प्रमुख त्योहार भी समय से एक हफ्ते पहले ही मना लेता है। ऐसा इस गांव में पिछले कई दशकों से चलते आ रहा है। यहां के लोगों में इस परंपरा को तोड़ने की जरा भी हिम्मत नहीं है।
सिदार देव की पूजा
जाहिर है कि इस परंपरा के बारे में सुनने के बाद आपको भी इसके बारे में जानने की बैचेनी हो रही होगी। वैसे तो इस परंपरा के बारे में किसी ने कुछ खास ज्यादा बताया नहीं हैं। गांव के लोगों का कहना हैं कि सिदार देव पूरे गांव की रक्षा करते हैं, जिसके लिए उनकी पूजा की जाती है। एक बार पूरे गांव में एक बड़ी विपत्ति आने वाली थी जिससे सिदार देव ने सबको बचाया था। इसके बाद सिदार देव ने गांव में पुजारी को सपने में आकर कहा कि गांव वाले अगर सबसे पहले उनकी पूजा करेंगे वह गांव कभी भी किसी भी तरह की विपत्ति नहीं आएगी। बस तभी से गांव ये इस परंपरा की शुरुआत हुई।
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