कार्तिक मास का समापन 27 को, दो अंतिम दिन स्नान-दान से मिलेगा अक्षय पुण्य

कार्तिक मास का समापन 27 को, दो अंतिम दिन स्नान-दान से मिलेगा अक्षय पुण्य

भगवान विष्णु को समर्पित स्नान-दान के पवित्र माह कार्तिक के दो दिन ही शेष रह गए हैं। इसका समापन 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होगा। पूरे माह 30 दिन तक कार्तिक स्नान और व्रत का पालन नहीं कर पाने वाले भक्तों के लिए देवउठनी एकादशी के बाद द्वादशी, त्रयोदशी, बैकुंठ चतुर्दशी एवं कार्तिक पूर्णिमा खास दिन हैं। इन तिथियों पर किए जाने वाले स्नान-दान, दीपदान से अक्षय पुण्य और भगवान की कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिषाचार्य पं. रामजीवन दुबे ने बताया कि कार्तिक व्रत का 12 वर्ष का संकल्प होता है। इस पूरे महीने में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का विशेष महत्व माना गया है।

त्रयोदशी पूजन : इस दिन सुबह उठकर प्रदोष काल में स्नान करना चाहिए। 32 दीपक प्रज्ज्वलित कर भगवान शिव का पंचाक्षर स्त्रोत से अभिषेक और मौन व्रत धारण करने से माता गौरी प्रसन्न होती हैं।

बैकुंठ चतुर्दशी : कार्तिक शुक्ल पक्ष की बैकुंठ चतुर्दशी पर अरुणोदय काल में भगवान विश्वनाथ का पूजन करें। इस दिन हरि और हर का मिलन होता है।

कार्तिक पूर्णिमा : कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कार्तिकेय के दर्शन कर प्रदोष काल में दीपदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

भगवान विष्णु को सृष्टि का कार्यभार सौपेंगे शिव जी, होगा हरि-हर मिलन

देवउठनी एकादशी के साथ ही चातुर्मास का समापन हो जाता है। देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करते हैं। इस दौरान सृष्टि का कार्यभार भोलेनाथ संभालते हैं। वैकुंठ चतुर्दर्शी पर भोलेनाथ भगवान विष्णु को वापस कार्यभार सौंपते हैं। इसी परम्परा का निर्वाह करते हुए 26 नवंबर को बैकुण्ठ चतुर्दर्शी पर यह लीला की जाएगी। इस मौके पर हरिहर मिलन का आयोजन किया जाएगा।








You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments