कसडोल : कसडोल विधानसभा में इन दिनों सबसे ज्यादा यदि कोई मामला सुर्खियों में है तो वह सचिव हरिकिशन वर्मा द्वारा भाजपा प्रत्याशी का आभार मेसेज को अपने व्हाट्सएप स्टेटटस में लगाकर भाजपा के लिए प्रचार प्रसार किये जाने का मामला है।जिसका पुरजोर विरोध कर कसडोल विधानसभा के सभी कांग्रेसियों ने जिला कलेक्टर बलौदाबाजार सहित राज्य चुनाव आयोग से शिकायत कर कार्रवाई की मांग करते हुए सचिव को पद से बर्खास्त किये जाने की फरियाद किये हैं।कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित प्रत्याशी संदीप साहू, हितेंद्र ठाकुर जिला अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी बलौदाबाजार ,मीडिया की आवाज को त्वरित संज्ञान में लेकर हरिकिशन वर्मा को 20नवम्बर को जिला पंचायत बलौदाबाजार से नोटिस देकर जवाब लिए गए हैं जिस पर हरिकिशन वर्मा द्वारा जवाब फ़ाइल किये गए हैं ।लेकिन अभी तक जिला पंचायत बलौदाबाजार द्वारा अंतिम कार्रवाई नहीं किये जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूटता हुआ नजर आ रहा है।
इस मामले पर जिला महामंत्री विमल कुमार साहू, देवी लाल बार्वे ने कहा कि सप्ताह से ऊपर हो चुका है लेकिन कार्रवाई आरोपी के खिलाफ नहीं किये जाने से आरोपी का मनोबल बढ़ रहा है वहीं जिला पंचायत से कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित आम जनता का विश्वास उठ रहा है एक दो दिन में कार्रवाई नहीं होने से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शिकायत करने की बात कहा।वहीं कसडोल विधानसभा कांग्रेस प्रत्याशी संदीप साहू ,नगर पंचायत कसडोल प्रतिनिधि चन्दन साहू, डी एम एफ सदस्य बलौदाबाजार ईश्वर यादव ने भी कहा कि सचिव हरिकिशन वर्मा का अपराध अक्षम्य है उसके लिए प्रशासन को पदमुक्त करना चाहिए।इस विषय पर जिला पंचायत से उपसंचालक सुरेश कंवर मीडिया कर्मियों का मोबाईल उठाने में परहेज करते हुए नजर आ रहे हैं।
इस मामले का आरोपी सचिव हरिकिशन वर्मा लगातार कहते आ रहे हैं कि वह निर्दोष है।इस मामले पर उसका कोई संबंध नहीं है कि बात मीडिया कर्मियों को बता रहे हैं।सभी पहलुओ पर प्रकाश डालने पर यही समझ आ रहा है कि प्रशासन आखिर कार्रवाई में पिछड़ता हुआ क्यों नजर आ रहा है?जबकि प्रशासन के समझ प्रमाण के लिए आरोपी द्वारा लगाए गए व्हाट्सएप स्टैट्स का प्रूफ पेश किए गए हैं।इसके अलावा प्रथम दृष्टया मामला चुनाव से सम्बंधित है कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि अभी तक निलंबित किये जाने चाहिए वह भी नहीं हुआ है जांच के बाद सही मिलने पर बर्खास्त की कार्रवाई होना चाहिए वह भी अधूरा है।अब देखना सबको यही है कि जिला कलेक्टर इस मामले पर अंतिम कार्रवाई के लिए जिला पंचायत को क्या निर्देश जारी करते हैं।फिलहाल सबकी विश्वास जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत पर टिकी है।
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