रायगढ़ : शहर के चक्रधर गौशाला परिसर में काल कलवित हुए एक बछड़े का सिर सड़क में बरामद होने से बैकुण्ठपुर में बवाल हुआ। गौरक्षकों के भड़कने पर मामले को सम्हालने कोतवाली पुलिस को जाना पड़ा। वहीं, पशु चिकित्सक का दावा है कि मामला गौहत्या का नहीं है, बल्कि 3 रोज पहले पैदा हुआ बछड़ा कमजोरी के कारण चल बसा और कुत्तों ने उसके शरीर को नोंच खाया है।
गुरुनानक देव जयंती पर सिक्ख समुदाय द्वारा जिस गौशाला के सामने मंगलम विवाह घर में लंगर का आयोजन किया गया था, उसी गौशाला के पीछे बैकुंठपुर मोहल्ले के सड़क में एक बछड़े का कटा सिर मिलने से सनसनी फैल गई। दरअसल, प्रकाश पर्व पर मांस-मछली बेचना प्रतिबंधित है और इसी दिन गौशाला परिसर के ठीक पीछे बैकुंठपुर रोड किनारे एक बछड़े का संदिग्ध परिस्थितियों में कटा सिर मिलने से सनसनी फैल गई। कुत्ते उसे नोंचने के लिए आपस में लड़ रहे थे। फिर क्या, सड़क में गोवंश का सिर मिलने की खबर पाते ही हरकत में आए गौसेवक वहां एकत्रित हुए और गौशाला प्रबन्धन पर आरोप लगाते हुए भड़कने लगे। गौसेवकों ने गौशाला में दूध निकालने का काम करने वाले युवक को धमकाते हुए पूछताछ की तो उसने यह कह दिया कि 3 रोज पहले गौशाला में पैदा हुआ बछड़ा जब मर गया तो उसे वहीं दफना दिया गया। गौशाला को गौवंशों का कब्रगाह बनाने की बात सुनते ही गुस्साए गौसेवकों ने हंगामा खड़ा कर दिया। भीड़ लगने पर गौशाला के माहौल में तनाव का जहर घुला तो कोतवाली पुलिस को मोर्चा सम्हालने जाना पड़ा।
इस बीच डीएन चौधरी पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 3 दिन पहले जन्म लेने वाला बछड़ा कमजोर था। बैठने-उठने के साथ वह चलने में भी सक्षम नहीं था। विगत शाम बछड़ा अपनी मां को खोजते हुए गौशाला परिसर के पीछे उस जगह में जा पहुंचा जहां गोबर डंप होता है और वहां उसका पांव फंसने से वह ऐसे गिरा कि उसकी जान निकल गई। आवारा कुत्तों ने दफन हुए बछड़े के सिर को देख उसे जमीन से खींचा और धड़ तथा मुलायम हड्डियों को नोंचकर खाते हुए सिर को ले गए थे। डॉक्टर चौधरी ने जब लोगों को संतुष्ट किया कि मृत बछड़े के सिर को कुत्ते ले उड़े थे और मामला गौहत्या का कतई नहीं है, तब कहीं जाकर गौसेवकों के शांत होते ही विवाद सुलटा।
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