अपनी संतान के लंबे जीवन और खुशहाल जिंदगी के लिए कई व्रत किए जाते हैं, लेकिन एक ऐसा व्रत है, जिसके प्रभाव से पूरे परिवार का कल्याण होता है. मासिक शिवरात्रि जो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा की जाती है. मान्यता है कि जो भी ये पूजा करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण को भी अत्यंत प्रिय है ये 28 नवंबर से शुरू हो गया है और 26 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर समाप्त होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार,साल का नवां महीना मार्गशीर्ष का होता है. यह महीना सभी महीनों में सबसे पवित्र माना जाता है.
मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
इस साल मासिक शिवरात्रि मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी 11 दिसंबर को सुबह 7:10 से शुरू होकर अगले दिन 12 दिसंबर सुबह 6:25 पर खत्म होगी. इसलिए उदया तिथि के अनुसार, मासिक शिवरात्रि 11 दिसंबर को मनाई जाएगी.
मासिक शिवरात्रि का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि ऋषि कश्यप ने इसी महीने में कश्मीर की रचना की थी. जिस तरह से कार्तिक का महीना भगवान श्री हरि को समर्पित होता है उसी तरह, मार्गशीर्ष का महीना कृष्ण को समर्पित होता है.
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भोले भंडारी की विधि -विधान से पूजा करने पर असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं. इस दिन शिव की पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है. साथ ही कहा जाता है कि यदि कुंवारे लोग इस दिन यह व्रत करते हैं, तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है.
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि भगवान शिव की प्रिय तिथि है. कहते हैं इस दिन विधि विधान के साथ भोलेनाथ का पूजन और व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं. माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और सकारात्मकता का संचार होता है. शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि का व्रत इंसान को सुखों की प्राप्ति कराता है. मासिक शिवरात्रि से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है और साथ ही भगवान शिव की कृपा दृष्टि से रूके हुए काम भी बन जाते हैं. यह दिन उनके लिए बहुत खास होता है, जिन्हें संतान प्राप्ति की चाह होती है. इस व्रत की कृपा रोगों से भी मुक्ति मिलती है.
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