तमिलनाडु : सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने एक सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। गिरफ्तार ईडी अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में की गई है, जो मदुरै स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत है।
डीवीएसी ने एक बयान में कहा कि अंकित तिवारी को डिंडीगुल में हिरासत में लिए जाने के बाद मदुरै लाया गया और ईडी कार्यालय में पूछताछ की गई। डीवीएसी ने कहा कि हमारी टीम इस बात की जांच कर रही है कि क्या आरोपी अधिकारी ने पहले भी किसी अन्य को ब्लैकमेल या धमकी देकर पैसे ऐंठे थे।
ईडी के आरोपी अधिकारी का नाम अंकित तिवारी बताया गया है. आरोप है कि अंकित तिवारी ईडी अधिकारियों की अपनी टीम के साथ कई लोगों को धमका रहे थे और प्रवर्तन निदेशालय में उनके मामले को बंद करने के नाम पर रिश्वत ले रहे थे।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, डीवीएसी (सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय) के अधिकारियों ने तिवारी को डिंडीगुल में 20 लाख रुपये नकद के साथ पकड़ा है. मामले की जांच चल रही है. डीवीएसी ने मदुरै में ईडी कार्यालय में भी तलाशी ली है।
एएनआई के मुताबिक, ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को डीवीएसी कार्यालय से ले जाकर डिंडीगुल में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंकित तिवारी की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार वह पांच साल से ज्यादा समय से ईडी के साथ काम कर रहे हैं. केंद्रीय एजेंसी में शामिल होने से पहले उन्होंने 4 बड़ी अकाउंटिंग फर्मों में से एक में काम किया।
सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय के सूत्रों ने कहा कि ईडी अधिकारी को तब रोका जब वह महाराष्ट्र रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कार में 20 लाख रुपये नकद ले जा रहे थे।
एसपी सरवनन के नेतृत्व में डीवीएसी टीम डिंडीगुल के चेट्टीनाइकनपट्टी के पास वाहन जांच कर रही थी, तभी उन्होंने नागपुर के एक नागरिक को ले जा रही एक कार को रोका. जैसे ही पुलिस टीम को संदेह हुआ तो उन्होंने कार की जांच की. कार की तलाशी में 20 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद हुई. इसके बाद कार और यात्री दोनों को कस्टडी में ले लिया गया।
Comments