गोलू कैवर्त ब्यूरो हेड बलौदाबाजार : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एम पी महिश्वर बलौदाबाजार के निर्देशानुसार एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी, (कसडोल ) डाॅ राकेश कुमार प्रधान के मार्गदर्शन में शुक्रवार 1दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर असनींद के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक चेतन सिंह क्षत्रिय के सौजन्य से आई टी आई असनींद में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया , इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल में पदस्थ कर्मचारी - अधिकारी की भी सहभागिता रही । उक्त शिविर में आई टी आई के प्रशिक्षणार्थियों को एचआईवी वायरस से होने वाली भयावहता की जानकारी देते हुए एच आई वी काउंसलर धनेश्वर पटेल जी ने बताया कि एचआईवी वायरस मानवों को ही अपना शिकार बनाती है , यह वायरस मानव शरीर में 4 माध्यमों--- 1.असुरक्षित यौन संबंध , 2. एच आई वी संक्रमित नीडिल - सीरींज के उपयोग , 3. संक्रमित खून के रक्ताधान व 4. संक्रमित गर्भवती माता से उसके होने वाले बच्चों में फैल सकता है ।
एचआईवी वायरस से पीड़ित पहला मरीज सन् 1981 में अमेरिका में पाया गया था , इस वायरस की पहचान वैज्ञानिक द्वय ल्यूक मोंटेगर और राबर्ट गैलो के द्वारा सन् 1983 में की गई । हमारे देश में इसका पहला मरीज चेन्नई में 1986 में मिला , चूंकि इस वायरस की पहचान व पहले रोगी के मिलने के समय इसके उपचार व बचाव की कोई व्यवस्था नहीं थी इसलिए इस वायरस का संक्रमण बहुत तीव्र गति से होने लगा। यह वायरस शरीर में पहुंचने के बाद लंबे समय तक ठीक न होने वाली सर्दी- जुकाम , खांसी , बुखार , वजन में कमी , त्वचा संक्रमण जैसे लक्षण उत्पन्न करते हैं जिसके कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है व अन्य गंभीर बीमारी जैसे - ट्यूबरकुलोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है और इस अवस्था को एड्स कहा जाता है ! यह एक जानलेवा वायरस है इसका कोई उपचार उपलब्ध नहीं है लेकिन इस रोग से होने वाली असामयिक मृत्यु को रोकने व एचआईवी संक्रमित मरीज की जीवन अवधि को बढ़ाने हेतु शासन द्वारा कारगर उपाय किये जा रहे हैं जिसके तहत सभी ब्लाक व जिला मुख्यालय के अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेज में नि: शुल्क जांच की व्यवस्था की गई है साथ ही प्रदेश के सभी ए आर टी सेंटर में निःशुल्क दवा प्रदान किया जाता है। चूंकि इस रोग के प्रति लोगों में बहुत सारी भ्रांतियां भी है जिससे इस रोग से पीड़ित रोगी के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किये जाने की संभावना रहती है इसलिए यह सभी जांच व मरीज की पहचान गोपनीय रखी जाती है । इस रोग से बचने का एक ही मूलमंत्र "" जानकारी ही बचाव है "" है !
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से उपस्थित रामगोपाल साहू जी ने एचआईवी वायरस के कारण टीबी रोग होने की संभावना पर प्रकाश डालते हुए रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बेहतर रखा जा सकता है उसकी जानकारी दी , हीरालाल साहू जी द्वारा कुष्ठ रोग के लक्षण व उपचार पर चर्चा किया गया , धनेश्वर पटेल एवं चेतन सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों के मध्य रोचक प्रश्नोत्तरी के माध्यम से बच्चों की जिज्ञासा का समाधान कर शिविर को मनोरंजक बनाया । प्रश्नोत्तरी में सही जवाब देने वाले बच्चों को संस्था के प्रभारी प्राचार्य द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।
भारत में इसका संक्रमण दर अधिक होने के कारण इससे बचाव हेतु अथक प्रयास किये जा रहे हैं इसी तारतम्य में प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सभी स्वास्थ्य केन्द्रों व विभिन्न गैर सरकारी संगठनों द्वारा जागरूकता रैली , शिविर का आयोजन किया जाता है । अंत में आई टी आई असनींद के प्रभारी प्राचार्य सी एस वर्मा जी ने बच्चों से अपने बेहतर स्वास्थ्य के प्रति गंभीर व जागरूक रहने हेतु अपील की साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा दिये गये संदेशों को गठरी बांध कर मन- मस्तिष्क में बनाये रखने हेतु समझाइश दी व स्वास्थ्य विभाग की टीम का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में यथासंभव पुनः आने हेतु निवेदन किया ।
इस अवसर पर ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक चेतन सिंह हेल्थ एंड वेलनेस असनींद , रामगोपाल साहू , हीरालाल साहू , धनेश्वर पटेल , राजेश देवांगन , हरिशंकर पटेल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल के साथ ही आई टी आई असनींद के प्रभारी प्राचार्य सी एस वर्मा , प्रशिक्षण अधिकारी एस के कैवर्त , एल एल ध्रुव , के के कोशले , एस के साहू सहित संस्था के अन्य अधिकारी , कर्मचारी उपस्थित थे।
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