सक्ती: बसपा के गढ़ जैजैपुर में सेंध लगाकर कांग्रेस के बालेश्वर साहू ने एकबार फिर साबित कर दिया कि उन्हें चुनाव जीतने में जैसे महारत हासिल हो। क्योंकि इसे महज एक संयोग कहिए या फिर इत्तेफाक। लेकिन अब तक यही होते आया है। क्योंकि उनके मार्गदर्शन में चुनाव जीतकर उनकी पत्नी श्रीमती आशा साहू जनपद पंचायत बम्हनीडीह का बतौर अध्यक्ष के रूप में संचालन कर रहीं हैं तो वहीं उसके पहले दो बार श्रीमती आशा साहू जनपद सदस्य रह चुकीं है। लेकिन वर्तमान में इनकी पत्नी आशा साहू अध्यक्ष जनपद पंचायत बम्हनीडीह का है अब स्वयं बालेश्वर साहू ने बसपा का कीला फतह कर नया कीर्तिमान रच डाला है।पिछले दस सालों से बसपा काबिज वाली जैजैपुर सीट में इस बार भी बसपा के हाथी का आना तय माना जा रहा था, लेकिन बालेश्वर साहू ने ऐसी रणनीति तैयार की,जिसमें हाथी उलझ गया।
पिछड़ा वर्ग बाहुल्य इस सीट में प्रमुख मुकाबला भाजपा,बसपा और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा था,लेकिन सारी रणनीति फेल करते हुए कांग्रेस के बालेश्वर साहू ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के कृष्णकांत चंद्रा को 25 हजार 922 मतों के विशाल अंतर से करारी शिकस्त दी। यहां बसपा के केशव चंद्रा 26 हजार 877 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। साहू समाज में बतौर पदाधिकारी के अलावा युवा कांग्रेस सक्ती के विधानसभा अध्यक्ष बालेश्वर साहू ने विशाल अंतर से चुनाव जीतकर एक बार फिर हर चुनाव जीतने का कीर्तिमान रचा है। इसके पूर्व उन्होंने अपने मागदर्शन में पत्नी श्रीमती आशा साहू को बम्हनीडीह जनपद अध्यक्ष का चुनाव लड़ाया, जिसमें भी उनकी पत्नी ने शानदार जीत दर्ज की थी।
जबकि उनकी पत्नी दो बार जनपद सदस्य का चुनाव भी जीत चुकी है। दिलचस्प बात यह है कि सबसे कम उम्र और कम अनुभवी होने के बावजूद बालेश्वर साहू ने सबसे अधिक 25 हजार 922 वोटों से जीत दर्ज की है, जिसकी सराहना सभी कर रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद कल से आज दिन भर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा है। आपको बता दे कि जैजैपुर क्षेत्र में दस साल के बसपा विधायक से खासा नाराजगी चल रहा है जानकारी यह भी मिला है कि बसपा विधायक की करीबी रहे अधिकांश लोग दूरी बना लिए थे जिसकी फायदा कांग्रेस प्रत्याशी को लाभ मिला और आज कांग्रेस की विधायक बनाने में जैजैपुर सफल रहे ।
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