देवों के देव शिवशंकर भोलेनाथ अपने भक्तों के मन की बात बहुत ही जल्द सुनते हैं. मन से पूजा करने पर भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए वे सबसे प्रिय देवता माने जाते हैं. भगवान शिव की पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है जिनका ध्यान न रखने पर पूजा का फल नहीं मिलता है और भगवान भी नाराज हो जाते हैं.
मासिक शिवरात्रि का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित होता है. इस दिन भोलेनाथ की पूजा की जाती है और विधिवत व्रत रखा जाता है. भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के साथ ही शिवलिंग की पूजा करने के नियम भी अलग हैं जिनके अनुसार हमें भूल से भी कुछ चीजों को नहीं चढ़ाना चाहिए वरना भगवान शिव नाराज हो सकते हैं.
शिवलिंग का अभिषेक करने की परंपरी बहुत पुरानी है. शिवलिंग की पूजा के समय कौन कौन सी वस्तुए चढ़ाना वर्जित हैं यह पता होना बहुत आवश्यक है. शिव पुराण के अनसुार, यदि ये वस्तुएं भूल से भी शिवलिंग पर चढ़ा दी जाएं तो शंकर भगवान प्रसन्न होने के स्थान पर अपने भक्त से रुष्ट हो जाते हैं और पुण्य प्राप्ति के स्थान पर आप पाप के भागीदारी बन जाते हैं.
शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये चीजें
तुलसी
तुलसी के बिना भगवान नारायण की पूजा कभी भी संपन्न होती है परन्तु भूल से भी तुलसी को शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए. ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि तुलसी के पति जालंधर राक्षस का भगवान शिव ने वध किया था और तुलसी लक्ष्मी स्वरुपा भी हैं. इसलिए तुलसी का उपयोग कभी भी शिवलिंग पर नहीं करना चाहिए.
केतकी का फूल
केतकी के फूल ने ब्रह्मा के कहने पर भगवान शंकर से झूठ बोला था जिस बात से शंकर भगवान को बहुत क्रोध आया था. उसके बाद शंकर भगवान ने केतकी को यह श्राप दिया कि वे कभी भी भगवान शिव की पूजा में उपयोग में नहीं ली जाएंगी.
नारियल का पानी
नारियल भगवान शिव को तो अर्पित किया जाता है लेकिन नारियल के पानी से शिवलिंग का अभिषेक करने से भगवान शिव नाराज होते हैं और धन का हानि होती है.
शंख
शंख से अन्य देवी देवताओं का अभिषेक किया जा सकता है परन्तु शिवलिंग पर कभी भी शंख का अभिषेक नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि पूर्व काल में भगवान शंकर ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था और उसी राक्ष से उत्पन्न हुआ था शंख जिसके बाद से ही शंख शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है.
टूटे हुए चावल
चावल भगवान शिव को अति प्रिय है लेकिन कभी भी टूटे हुए चावल शिवलिंग पर नहीं चढ़ाने चाहिए. ऐसा करने से शंकर भगवान रुष्ट हो जाते हैं. शिवलिंग की पूजा करते समय हमेशा पूर्ण चावल ही चढ़ाने चाहिए.
काला तिल
शिवलिंग का जलाभिषेक करते हुए या दूध का अभिषेक करते हुए उसमें कभी भी तिल का प्रयोग न करें. मान्यता है कि काला तिल भगवान विष्णु के मेल से उत्पन्न हुआ था इसलिए इसे शिवलिंग पर भूल से भी अर्पित नहीं करना चाहिए.
सिंदूर और हल्दी
हल्दी और सिंदूर का उपयोग शिवलिंग पर करना वर्जित होता है क्योंकि यह दोनों सौंदर्य को प्रकट करते हैं और शंकर भगवान सदैव भस्म को अपने शरीर पर रमाए रहते हैं और वे सौंदर्य को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं. सौंदर्य पदार्थों को भगवान शंकर ग्रहण नहीं करते हैं, इसलिए सिंदूर और हल्दी को शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए. श्रृंगार के सामान में शंकर भगवान पर केवल इत्र का प्रयोग किया जा सकता है. माता पार्वती की पूजा में हल्दी का उपयोग किया जा सकता है.
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